वैसे जो रेट प्रोफेसर ने बताए, वो हर दूसरे व्यक्ति के लिए हैं। यहां इन कार्यों के रेट इससे ज्यादा ही हैं, कम नहीं। उसका कोई प्रमाण नहीं होता, लेकिन बिना पैसे के काम नही होता। एक चिट्ठी राजस्व मंत्री के हस्ताक्षर वाली।प्रमुख सचिव राजस्व मनीष रस्तोगी को दी गई थी। इसमें नामांतरण के बीस हजार रुपए मांगे जाने का आरोप था। बमुश्किल प्रमुख सचिव ने जांच के निर्देश नर्मदापुरम कमिश्नर को दिए, लेकिन जांच आज तक नही हुई। और आरोपी तहसीलदार राजधानी भोपाल में ही तबादला करवाने में सफल हो गया। अभी भोपाल में ही पदस्थ है। ये शिवराज का भ्रष्टाचार का जीरो टॉलरेंस है।
पचास पर्सेंट कमीशन वाली सरकार है : परिहार
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता संतोष परिहार कहते हैं कि सागर के प्रोफेसर अकेले नहीं हैं। पूरा प्रदेश भ्रष्टाचार का मॉडल बना हुआ है। ये पचास पर्सेंट कमीशन वाली सरकार है । बार रिश्वत दिए कोई काम नही होता। जब अधिकारी को पोस्टिंग के लाखों रुपए रिश्वत देनी पड़ती है तो वो भ्रष्टाचार क्यों नहीं करेगा? अपनी तनख्वाह सी।कौन रिश्वत देता है? सीएम सीधे रिश्वत लेते हैं। बताया जाता है कि सीसीएम हाउस में ही एक रिश्वत प्रकोष्ठ है। खास अधिकारी उसमें है। अभी वीडी शर्मा ने जनसंपर्क के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था, आज शिवराज कार्यकाल में जनसंपर्क में खुली लोट मची हुई है। सीपीआर और सीएम के भांजे दामाद डीपीआर करोड़ो का भ्रष्टाचार कर चुके हैं। हाल ही में एक सवा छह करोड़ का भ्रष्टाचार और सामने आया है। इसके कागज ही जनसंपर्क नही हैं और भुगतान हो चुका है।