अरुणाचल प्रदेश की भौगोलिक स्थिति
अरुणाचल प्रदेश एक पहाड़ी क्षेत्र है। असम के निकटवर्ती भाग में समतल मैदान की एक संकरी सी पट्टी है। राज्य के दो तिहाई भाग पर घने वन हैं। प्रदेश के पश्चिम में भूटान, उत्तर में तिब्बत एवं उत्तर-पूर्व में चीन, पूर्व में म्यांमार तथा दक्षिण में असम है।
अरुणाचल प्रदेश की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
अरुणाचल प्रदेश का सम्पूर्ण क्षेत्र में प्रशासन की शुरुआत भारत की आजादी के बाद ही हुई थी। राज्य का नवीन इतिहास 24 फरवरी, 1826 को यंडाबू संधि के बाद असम में ब्रिटिश शासन लागू होने से शुरू होता है। 1962 से पूर्व इस क्षेत्र को नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर एजेंसी (नेफा) के नाम से जाना जाता था। संवैधानिक तौर पर यह क्षेत्र असम का हिस्सा हुआ करता था। क्षेत्र के सामरिक महत्त्व के कारण 1965 तक यहां के प्रशासन की जिम्मेदारी विदेश मंत्रालय ने ली। 1972 में इसे केन्द्र शासित प्रदेश का दर्जा देकर इसका नाम अरुणाचल प्रदेश रखा गया। 20 फरवरी, 1987 को यह भारतीय संघ का 24वां राज्य बन गया।
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राज्य की आर्थिक स्थिति
प्रदेश की अर्थव्यवस्था का आधार कृषि है। यहां की 80 प्रतिशत जनता कृषि कार्यों में लगी हुई है। यहां धान मुख्य फसल है। मक्का, गेहूं, दाल, सरसों, अदरक, मिर्च व कपास सहित फलों में अनानास, संतरा, नीबू, लीची, पपीता, केले, अमरूद, सेब, बेर, नाशपाती, चेरी, आडू, जैतून और बादाम की उपज होती है। राज्य में 87,578 हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई की जाती है। यहां झूम खेती की जाती है।
अरुणाचल प्रदेश के उद्योग
राज्य में उद्योग मुख्यतः वनों पर आश्रित हैं । बुनाई, कढ़ाई एवं कालीन निर्माण प्रमुख कुटीर उद्योग हैं। अन्य उद्योगों में फल संरक्षण, साबुन, मोमबत्ती, चावल, तेल मिल एवं काष्ठ उद्योग शामिल हैं।
खनिज
कोयला, कच्चा तेल, डोलोमाइट और चूना पत्थर प्रमुख हैं। जहां अनुमानतः 842.30 लाख टन कोयले का भण्डार है। सन् 1991 में अरुणाचल प्रदेश में खनिज विकास और व्यापार निगम लिमिटेड की स्थापना की गई।
राज्य के परिवहन
अरुणाचल प्रदेश में सड़क मार्ग की लम्बाई लगभग 18,365 किलोमीटर है, जिसमें 392 किमी. राष्ट्रीय राजमार्ग है। रेल मार्ग की कुल लम्बाई है 1.26 किलोमीटर [मीटर गेज]। यहां वायुयान सेवाएं डेपोरिजो, पासीघाट, जीरो एवं तेजू में उपलब्ध हैं।
विद्युत उत्पादन
प्रदेश में विद्युत उत्पादन क्षमता करीब 30,735 मेगावाट है। राज्य के लगभग 2,597 गांवों में विद्युत पहुंचा दी गई।
त्योहार
राज्य के कुछ महत्वपूर्ण उत्सव त्योहारों में अदीस समुदाय के लोगों द्वारा मनाए जाने वाले मापन और सोलंगु, इदु-मिशमी समुदाय का रेह, मोनपा लोगों का त्योहार लोस्सार, अपतानी समुदाय के लोगों का द्री, तगिनों का सी-दोन्याई, निशिंग लोगों का न्योकुम आदि शामिल हैं।
अरुणाचल प्रदेश के पर्यटन स्थल
परशुराम कुण्ड-परशुराम कुण्ड लोहित जिला मुख्यालय से तेजू से उत्तर पूर्व में 13 किलोमीटर दूर स्थित है। परशुराम कुण्ड तेजी से उभरता हुआ एक कस्बा है। यह अपने खूबसूरत प्राकृतिक सौंदर्य के लिए विख्यात है। जनवरी के महीने में हर साल यहां मेला भरता है, जिसमें दूर-दराज से हजारों दर्शनार्थी भाग लेने पहुंचते हैं।
नामदफा-चमलींग जिले में स्थित नामदफा वन्य जीव अभयारण्य के लिए प्रसिद्ध है। इसे राष्ट्रीय पार्क घोषित किया गया है। यहां काफी संख्या में कई प्रजातियों के पशु-पक्षी देखे जा सकते हैं।
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इस पार्क में बाघ, जंगली हाथी, हिमालयन काले हिरण, जंगली बकरियां, कस्तूरी मृग और जंगली बिल्लियां आदि हैं। अप्रेल से अक्टूबर के बीच का मौसम यहां के भ्रमण के लिए उपयुक्त है।
ईटानगर– ईटानगर अरुणाचल प्रदेश की राजधानी है, जो पहाड़ों की तलहटियों में बसी है । ईटानगर को मिनी इंडिया भी कहा जा सकता है, क्योंकि यहां भारत के हर क्षेत्र के लोग सामंजस्यपूर्ण और सौहार्द्रपूर्ण तरीके से रहते हैं। ईटानगर देश के विभिन्न हिस्सों से सड़क और वायु मार्ग से जुड़ा है।
ईटाफोर्ट यहां के दर्शनीय स्थलों में से एक है, जिसे 14वीं शताब्दी में यह नाम दिया गया था। ईटानगर से लगभग 6 किलोमीटर दूर गंगा झील स्थित है। यह हरी-भरी वादियों से घिरा खूबसूरत दर्शनीय स्थल है। इसके अलावा बौद्धों का एक मंदिर भी है। इसकी छतें पीले रंग हैं, जो तिब्बती शैली के प्रभाव को दर्शाता है। अरुणाचल प्रदेश के अन्य पर्यटन स्थलों में तवांग, दिबांग घाटी में स्थित भीष्मकनगर, बोमडीला मुख्य हैं।