तेल अवीव। हमास नेता इस्माइल हानिया की हत्या के बाद मध्य पूर्व में तनाव बढ़ गया है, जिसके चलते अमेरिका अलर्ट पर है। अमेरिकी सेना ने इजरायल पर किसी भी हमले की स्थिति से निपटने के लिए कम से कम 12 युद्धपोत तैनात किए हैं। वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार, इनमें विमानवाहक पोत यूएसएस थियोडोर रूजवेल्ट, जमीन और समुद्र में हमला करने में सक्षम दल, और 4000 से अधिक मरीन और नाविक शामिल हैं। फारस की खाड़ी और पूर्वी भूमध्य सागर में विध्वंसक भी तैनात किए गए हैं। साथ ही, अमेरिका ने लाल सागर से युद्धपोतों को हटा लिया है जो वाणिज्यिक जहाजों की सुरक्षा के लिए तैनात थे।
हत्या के बाद ईरान से बदला लेने का आदेश
अमेरिका ने यह कदम तेहरान में इस्माइल हानिया और बेरूत में हिजबुल्लाह के सैन्य प्रमुख फुआद शुकर की हत्या के बाद उठाया है। हानिया को इजरायल ने बुधवार सुबह तड़के तेहरान में मार गिराया, जब वे ईरान के नए राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियन के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने गए थे। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने हानिया की हत्या के बाद इजरायल से बदला लेने का आदेश दिया है।
अमेरिका ने की शांति की अपील
इस बीच, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने सभी पक्षों से आक्रामक कार्रवाइयों को रोकने का आग्रह किया है। मंगोलिया में ब्लिंकन ने जोर देकर कहा कि युद्ध विराम पर पहुंचने के लिए पार्टियों को ऐसी कार्रवाइयों को रोकना होगा जो तनाव बढ़ाती हैं। हानिया की मौत के बाद मध्य पूर्व में जंग भड़कने की स्थिति में अमेरिका के भी उतरने की संभावना है। अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कहा है कि इजरायल पर हमला होने पर अमेरिका उसकी सुरक्षा करेगा।
इजरायल की हिजबुल्लाह को चेतावनी
बेरूत में अपने टॉप कमांडर की मौत के बाद हिजबुल्लाह भी भड़का हुआ है। इजरायल ने मंगलवार को हवाई हमले में हिजबुल्लाह के टॉप कमांडर फुआद शुकर को मार गिराया था। उसे हिजबुल्लाह प्रमुख नसरल्लाह का करीबी माना जाता था। सूत्रों के अनुसार, हत्या के बाद इजरायली प्रशासन ने हिजबुल्लाह को कड़ी चेतावनी दी है कि कोई भी बड़ा हमला युद्ध की ओर ले जाएगा। शुकर की मौत के बाद से हिजबुल्लाह की तरफ से इजरायल पर कोई बड़ा हमला नहीं हुआ है। शुकर को गुरुवार को दफनाया जाना है, जिसमें नसरल्लाह के भाषण देने की उम्मीद है। वहीं, गुरुवार सुबह को तेहरान में हानिया का अंतिम संस्कार हुआ, जिसमें सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामनेई और वरिष्ठ ईरानी अधिकारी शामिल हुए।