नई दिल्ली
कभी ईवीएम बदल दिया गया तो कभी ईवीएम हैक हो गया तो कभी ईवीएम खराब हो गया तो कभी मतगणना अधिकारी ने गड़बड़ी कर दी… कांग्रेस पार्टी हर चुनाव में कुछ ना कुछ शिकायत जरूर करती है। लेकिन जैसे ही जीत मिलती है, जश्न का माहौल हावी हो जाता है और शिकायतें कहीं पृष्ठभूमि में चली जाती हैं और हार मिल गई तो शिकायतों का सिलसिला जारी। चुनाव आयोग ने मंगलवार को लिखी चिट्ठी में कुछ इसी अंदाज में जवाब दिया है।हरियाणा की हार का ठीकरा भी ईवीएम पर
कांग्रेस ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में मिली हार का ठीकरा कुछ अलग तरह से फोड़ा। पार्टी ने इस बार बड़ी अलबेली वजह बताकर ईवीएम में हेरफेर का आरोप मढ़ा। कांग्रेस ने कहा कि कई मतगणना केंद्रों पर ईवीएम की बैटरी बाकियों के मुकाबले ज्यादा चार्ज थी। पार्टी ने दावा किया जहां ईवीएम की बैटरी ज्यादा चार्ज थी, वहां उसे हार मिली है। पार्टी ने इसकी आधिकारिक शिकायत चुनाव आयोग से की थी जिसका जवाब आयोग ने मंगलवार को दिया।
कांग्रेस को चुनाव आयोग की हिदायत
चुनाव आयोग ने कांग्रेस के रवैये पर आपत्ति जाहिर की और उसे सावधान भी किया। आयोग ने 26 विधानसभा क्षेत्रों के रिटर्निंग ऑफिसर्स की री-वेरिफिकेशन रिपोर्ट का हवाला दिया। आयोग ने कहा कि पूरी जांच के बाद पाया गया कि चुनावी प्रक्रिया का हर चरण सही था और कांग्रेस उम्मीदवारों या एजेंटों की देखरेख में किया गया था। यह जानकारी 1,600 पेज की रिपोर्ट में है।
चुनाव आयोग ने डीटेल में दिया जवाब
आयोग ने कांग्रेस को दिए जवाब में कहा, ‘रिटर्निंग ऑफिसर्स को चुनावी प्रक्रिया में किसी भी तरह की गड़बड़ी का कोई सबूत नहीं मिला है। जवाबों से पता चलता है कि कांग्रेस के उम्मीदवारों, प्रतिनिधियों और उनके एजेंट चुनाव की विभिन्न प्रक्रियाओं में शामिल थे, जिसमें ईवीएम प्रक्रियाएं भी शामिल हैं।’ 8 अक्टूबर को मतगणना के दिन कांग्रेस ने चुनाव आयोग को एक ज्ञापन भेजा था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि सुबह 9-11 बजे के बीच आयोग की वेबसाइट पर हरियाणा के परिणामों को अपडेट करने में बेवजह सुस्ती देखी गई जिस कारण संदेह होने का मौका मिला। बाद में एक संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस के जयराम रमेश और पवन खेड़ा ने भी ज्यादा चार्ज बैटरी वाले ईवीए में कांग्रेस के उम्मीदवारों को झटका लगने की बात कही थी।
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