नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शरद पवार गुट को लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी के नाम ‘राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार’ का उपयोग करने की अनुमति दे दी है। कोर्ट ने शरद पवार गुट को पार्टी चिह्न ‘तुरहा बजाते व्यक्ति’ का उपयोग करने की भी अनुमति दी। इसके अलावा कोर्ट ने निर्वाचन आयोग को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार और चुनाव चिह्न ‘तुरहा बजाते व्यक्ति’ को मान्यता देने का निर्देश दिया।कोर्ट ने अजित पवार गुट से भी यह सार्वजनिक नोटिस जारी करने को कहा कि राकांपा का चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ विचाराधीन है और इसका इस्तेमाल न्यायिक निर्णय के अधीन है।
दरअसल, शरद पवार के धड़े की ओर से सुप्रीम कोर्ट ने याचिका लगाई थी। असमें अजित पवार गुट को निर्वाचन आयोग की ओर से दिया गया ‘घड़ी’ चुनाव चिह्न का उपयोग करने से रोकने की मांग की गई थी। याचिका में रोक की मांग का आधार यह बताया कि इससे दोनों धड़ों को समान अवसर नहीं मिल रहे। दरअसल, शरद पवार की ओर से बनाई गई राकांपा के विभाजन से पहले इसका चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ था। अब यह चिह्न अजित पवार की अगुवाई वाली पार्टी के पास है।
अजित गुट को भी निर्देश
कोर्ट ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार नीत पार्टी के धड़े से अंग्रेजी, हिंदी और मराठी में अखबारों में नोटिस जारी करने को कहा कि ‘घड़ी’ चुनाव चिह्न कोर्ट में विचाराधीन है और इसका उपयोग फैसले के आधार पर होगा। पीठ ने अजित पवार नीत धड़े से चुनाव से संबंधित सभी विज्ञापनों, बैनर और पोस्टर में भी इसी तरह की घोषणा करने को कहा।
अजित पवार खेमे से चार सप्ताह में जवाब मांगा
कोर्ट ने अजित पवार की पार्टी को वास्तविक राकांपा मानने के निर्वाचन आयोग के छह फरवरी के आदेश के खिलाफ शरद पवार गुट की याचिका पर अजित पवार खेमे से चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा। शीर्ष कोर्ट ने 19 फरवरी को निर्देश दिया था कि राकांपा के शरद पवार नीत धड़े को ‘राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार’ नाम आवंटित करने का निर्वाचन आयोग का आदेश अगले आदेशों तक जारी रहेगा।