भोपाल: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के बाद अब तीन अन्य विधायकों की भी मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने नोटिस जारी कर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार सहित तीन विधायकों से पूछा है, क्यों ना आपका चुनाव शून्य कर दिया जाएं? हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष और गंधवानी विधायक उमंग सिंघार, धार विधायक नीना वर्मा और शाजापुर एमएलए अरुण भीमावत के खिलाफ दायर चुनाव याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए नोटिस जारी किया हैं।
कोर्ट ने सभी विधायकों को चार सप्ताह में जवाब देने के निर्देश दिए हैं. कोर्ट द्वारा जारी किए गए नोटिस में एक कांग्रेस विधायक हैं, जबकि दो बीजेपी विधायक है. नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के मामले में याचिकाकर्ता बीजेपी के सरदारसिंह मेढ़ा हैं. याचिकाकर्ता के एडवोकेट निमेश पाठक के अनुसार, नवंबर 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में सिंघार ने मेढ़ा को 22 हजार 119 मतों से पराजित किया था. चुनाव जीतने के लिए सिंघार ने अनुचित संसाधनों का इस्तेमाल किया।जिस पर हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया. धार बीजेपी विधायक नीना वर्मा के खिलाफ भी याचिका दायर की गई है. यह याचिका सामाजिक कार्यकर्ता सुरेशचंद्र भंडारी ने दायर की है. याचिका में कहा गया है कि साल 2023 में हुए निर्वाचन को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में प्रस्तुत याचिका को स्वीकारते हुए उनका निर्वाचन निरस्त कर दिया था.
जिसके बाद मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने वर्मा को आदेश दिया था कि वे याचिकाकर्ता को 10 हजार रुपये और वकील फीस का भुगतान करें. तो आज नहीं किया गया. इधर कोर्ट ने शाजापुर से बीजेपी विधायक अरुण भीमावत को भी नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है. हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में भीमावत महज 28 मतों से चुनाव जीते थे. याचिका में कहा कि मतगणना में 161 मत निरस्त करने में अनियमितता की गई है।