ग्वालियर। ग्वालियर में सर्दी जानलेवा साबित हो रही है। यही कारण है कि दिसंबर और जनवरी के 54 दिन में 108 लोगों की हार्ट अटैक और 93 लोगों की मौत ब्रेन अटैक से हुई है। यह ग्वालियर के कार्डियक सेंटर, अन्य हार्ट सेंटर और न्यूरोलॉजी विभाग के आंकड़े हैं।
हार्ट अटैक से कुल मौत में 27 फीसदी 25 से 45 साल के युवा हैं। इनमें से भी 17 प्रतिशत ऐसे मृतक हैं, जिनकी उम्र 35 से 45 साल है। इसी तरह ब्रेन अटैक से जान गंवाने वालों में 28 फीसदी युवा हैं, जिनकी उम्र 29 से 45 साल के बीच है।
कार्डियोलॉजी के एचओडी डॉ. पुनीत रस्तोगी का कहना है कि इस ठंड में 15 फीसदी हार्ट अटैक के केस बढ़ गए हैं। उन्होंने ठंड और युवाओं की लाइफ स्टाइल को इस आंकड़े के पीछे का कारण बताया है। डॉक्टरों का कहना है कि सर्दी में सिगरेट पीने से गर्मी नहीं हार्ट अटैक आएगा। ज्यादातर युवा जिनको अटैक आ रहा है वह तम्बाकू खा रहे हैं या ठंड में लापरवाही के चलते शिकार हुए हैं।
चंबल अंचल में सर्दी अब जानलेवा होती जा रही है। रात का तापमान लगातार पूरी जनवरी में 8 डिग्री से नीचे और दिन का तापमान 17 से 18 डिग्री पर बना हुआ है। जिस कारण सर्दी बढ़ गई है। जैसे-जैस सर्दी बढ़ रही है हार्ट अटैक, ब्रेन अटैक के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। दो महीने में ग्वालियर के न्यू जेएएच, सहित अन्य प्राइवेट हॉस्पिटल में ब्रेन अटैक के लगभग 450 मरीज, हार्ट अटैक के 550 केस आए हैं। जिनमें एक सैकड़ा मरीजों की मौत हार्ट अटैक से हुई है।
45 फीसद को इलाज भी नहीं मिल सका
डॉक्टर बता रहे हैं कि करीब 54 दिन में एक सैकड़ा से अधिक लोगों की हार्ट अटैक से मौत हो चुकी है। चौकाने वाली बात यह है कि इनमें से 45 फीस केस ऐसे हैं जिनमें मरीज को लेकर परिजन अस्पताल तक तो पहुंचे, लेकिन उससे पहले ही उनकी मौत हो चुकी थी। उनका इलाज भी शुरू नहीं हो सकता था। इनमें से ज्यादातर 39 से 55 साल के लोग हैं। मतलब साफ है कि हार्ट अटैक एक साइलेंट किलर की तरह लोगों की जान ले रहा है।
कब कितने मरीजों की मौत हुई
हार्ट अटैक से मौत: ग्वालियर के कार्डियक सेंटर, अन्य प्राइवेट सेंटर में 1 दिसंबर से 31 दिसंबर के बीच 31 दिन में 54 लोगों की हार्ट अटैक से मौत हुई है, जबकि जनवरी में ठंड के बढ़ते ही 23 दिन में ही 54 हार्ट अटैक से दम तोड़ चुके हैं। दिन और रात के मौसम में अंतर भी हार्ट अटैक का बड़ा कारण उभरकर सामने आया है।
ब्रेन अटैक से मौत: ग्वालियर में न्यूरोलॉजी सहित अन्य प्राइवेट बड़े हॉस्पिटल में 1 दिसंबर से 31 दिसंबर के बीच 31 दिन में 47 लोगों ने ब्रेन अटैक से जान गंवाई है तो वहीं ठंड के जनवरी में बढ़ने लगातार सीवियर कोल्ड डे होने पर जनवरी माह के 23 दिन में ही 46 लोगों की मौत ब्रेन अटैक से हो चुकी है।
किस उम्र समूह में हार्ट अटैक ज्यादा
25 से 35 साल के युवाओं की 10 फीसदी मौत हुई है।
36 से 45 साल के युवाओं की 17 प्रतिशम मौत हुई है।
46 से 55 वर्ष के लोगों की 24 फीसदी मौत हुई है।
56 से 65 साल के समूह के लोगों की 21 फीसदी मौत हुई है।
66 साल या उससे अधिक 28 प्रतिशत बुजुर्ग हार्ट अटैक से जान गंवा चुके हैं।
सर्दियो में क्यों बढ़ जाता है हार्ट अटैक, ब्रेन अटैक का खतरा
सदी के मौसम में तापमान में कमी के कारण ब्लड गाढ़ा होने लगता है। ब्लड को शरीर में पहुंचाने वाली पतली नली संकरी हो जाती हैं, जिसका असर ब्लड पर प्रेशर पर पड़ता है। ब्लड क्लॉट्स के कारण मस्तिष्क तक जाने वाली रक्त वाहिका में रुकावट स्ट्रोक के मुख्य कारणों में से एक है। ठंड के मौसम में नसें सिकुड़ जाती है, जिसके कारण ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। हाई ब्लड प्रेशर स्ट्रोक के लिए एक जाना-माना रिस्क फैक्टर है और इसके मौसमी उतार-चढ़ाव सर्दियों में स्ट्रोक की बढ़ती घटनाओं को समझा सकते हैं।
सर्दी में कम हो जाती हैं फिजिकल एक्टीविटी
ग्वालियर अंचल में जिस तरह की सर्दी पड़ रही है ऐसी ठंड में लोग कम सक्रिय होते हैं। उनकी फिजिकल एक्टीविटी कम हो जाती हैं। साथ ही ज्यादा कैलोरी वाला खाना व अस्वस्थ्य भोजन का सेवन करते हैं. यह मोटापे ब्रेन स्ट्रोक व पैरालाइसिस जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बनते हैं