भोपाल। मध्य प्रदेश में इस समय 6 IAS अधिकारी ऐसे हैं जिन्हें मंत्रालय में पदस्थ तो कर दिया है लेकिन उन्हें कोई काम नहीं सौंपा गया है। इनमें एक प्रमुख सचिव सहित 3 IAS अफसर तो ऐसे हैं जिन्हें पिछले एक माह से ज्यादा का समय हो गया है और उन्हें कोई काम ही नहीं दिया गया है। इनमें पूर्व सीएम शिवराज के चहेते अफसर मनीष सिंह और मनीष रस्तोगी भी शामिल हैं।
प्रदेश के प्रशासनिक इतिहास में शायद पहली बार ऐसा हो रहा है जब 6 IAS अधिकारियों के पास कोई काम नहीं है और वह बिना काम का वेतन प्राप्त कर रहे हैं।
बता दे कि विधानसभा चुनाव में भारी बहुमतों से चुनाव जीतने के बाद प्रदेश में एक बार फिर भाजपा की सरकार बनी। लेकिन नई सरकार में इस बार राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर काफी बदलाव देखने को मिले है।
सीएम डॉ मोहन यादव की नई कैबिनेट के सभी मंत्रियों को तो विभाग मिल गए लेकिन नई सरकार के आने के बाद जिलों से लेकर मंत्रालय तक हुए प्रशासनिक फेरबदल में हटाए गए कई IAS और IPS अफसरों को अब तक नई पोस्टिंग नहीं दी गई है। कई अफसर तो ऐसे है जो एक महीने से अधिक समय से पोस्टिंग का इंजतार कर रहे है।
मंत्रालय में सबसे पहले हुए बड़े प्रशासनिक फेरबदल में पंद्रह दिसंबर को मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव और लोक सेवा प्रबंधन विभाग के प्रमुख सचिव पद से 1994 बैच के वरिष्ठ IAS अधिकारी मनीष रस्तोगी को हटाकर मंत्रालय में बिना विभाग का प्रमुख सचिव बनाया गया था। एक महीने 5 दिन बाद भी उनकी किसी विभाग में पोस्टिंग नहीं की गई है। इसके बाद 19 दिसंबर को जनसंपर्क आयुक्त, एमडी माध्यम और एमडी मेट्रो रेल कारपोरेशन भोपाल के पद से हटाये गए 2009 बैच के IAS मनीष सिंह को भी बिना विभाग के अपर सचिव मध्यप्रदेश शासन बनाया गया था। एक महीने होने के बाद भी अभी तक उनकी नई पोस्टिंग नहीं की गई है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के उपसचिव रहे 2013 बैच के IAS नीरज वशिष्ठ को 21 दिसंबर को पद से हटाकर बिना विभाग का उपसचिव बनाया गया था। वे भी अब तक कोई नई पोस्टिंग नहीं पा सकें है।
गुना बस हादसे के बाद परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव, परिवहन आयुक्त को तो नई पोस्टिंग दे दी गई लेकिन 28 दिसंबर को गुना कलेक्टर के पद से हटाकर मंत्रालय में बिना विभाग के अपर सचिव बनाए गए तरुण राठी को अब तक कोई पोस्टिंग नहीं दी गई है। हिट एंड रन मामले में हड़ताल कर रहे वाहन चालकों को समझाने के लिए बुलाई गई बैठक में ड्राइवर से अभद्र व्यवहार के चलते शाजापुर कलेक्टर के पद से हटाए गए किशोर कान्याल को भी नई पोस्टिग का इंतजार है। उन्हें हटे हुए 22 दिन हो चुके है। जबलपुर में राज्य भंडार गृह निगम में हुई गड़बड़ियों के बाद जबलपुर कलेक्टर के पद से सौरव सुमन को 4 जनवरी को हटाकर मंत्रालय में अपर सचिव बनाया गया था लेकिन अब तक नई पोस्टिंग नहीं दी गई है।इसी तरह आरआरएस परिहार DIG जबलपुर के पद से हटे थे उन्हें कहीं पोस्टिंग नहीं दी गई है।
इन अधिकारियों को पोस्टिंग नहीं देने के पीछे सरकार की क्या मंशा है वह तो वही जाने लेकिन प्रशासनिक गलियारों में इसे लेकर तरह-तरह की चर्चा जरूर हो रही हैं। बनने के बाद पिछले एक महीने में अब तक कई अफसरों को उनके वर्तमान पदों से हटाया गया।