भोपाल। भोपाल में पिछले पांच दिनों से चल रही जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल खत्म हो गई है। जूनियर डॉक्टर्स के काम पर लौटते ही गांधी मेडिकल कॉलेज की गायनिकोलॉजी डिपार्टमेंट की प्रोफेसर डॉ. अरुणा कुमार हटा दिया गया। शासन ने उन्हें डीएमई अटैच किया। इसका आदेश भी जारी हो गया है।
बता दें कि गांधी मेडिकल कॉलेज की जूनियर डॉक्टर बाला सरस्वती सुसाइड केस में जूनियर डॉक्टर स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की प्रोफेसर डॉ. अरुणा कुमार को हटाने की मांग कर रहे थे। इसी मांग को लेकर हड़ताल भी की। शनिवार को प्रोफेसर अरुणा कुमार का पुतला भी दहन किया।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने हड़ताली जूनियर डॉक्टरों के साथ चर्चा की। उन्होंने उचित कार्रवाई का भरोसा दिया, जिसके बाद जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल खत्म करने की घोषणा की।
जूडा अध्यक्ष संकेत सीते ने बताया कि शनिवार दोपहर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग से मिले, उन्होंने आश्वासन दिया है कि वह उनकी मांगों को सकारात्मक तरीके से पूरा करेंगे। इसलिए यह हड़ताल खत्म की जा रही है।
अब मेडिकल कॉलेजों में विभागाध्यक्षों का कार्यकाल अधिकतम 2 साल रहेगा
चिकित्सा शिक्षा विभाग ने प्रदेश के मेडिकल कॉलेज में विभागों के हेड को लेकर निर्देश जारी किए हैं। जिसके तहत सीनियर प्रोफेसर को विभाग का अध्यक्ष बनाया जाएगा। जिसका कार्यकाल अधिकतम 2 साल का होगा।
जूडा की इस हड़ताल को करीब सात स्टेट के जूनियर डॉक्टर्स ने भी सपोर्ट किया था। जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के प्रवक्ता डॉ. कुलदीप गुप्ता ने बताया कि हमें तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और बिहार से भी जूनियर डॉक्टर्स सपोर्ट कर रहे हैं। अमृतसर मेडिकल कॉलेज में कैंडल मार्च निकाला गया है।
जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन (GMC) भोपाल के अध्यक्ष डॉ. संकेत सीते ने बताया कि भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा और सागर के सरकारी मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टरों की प्रदेशव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी थी।