Friday, 16 May

भोपाल
एमएसएमई इकाईयों को सपोर्ट करने के लिए ट्रेड्स यानि टीआरईडीएस प्लेटफार्म पर राज्य शासन के विभागों एवं सार्वजनिक उपक्रमों को खरीददारों के रूप में आन-बोर्डिंग के लिए गुरूवार को पंचानन भवन में संबंधित अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया। भारत सरकार द्वारा स्थापित ट्रेंड रिसीवेबल्स डिसकाउंटिंग सिस्टम स्थापित किया गया है। यह सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को व्यापार प्राप्तियों के लिए वित्त पोषण जैसी सुविधा देने वाला मंच है। कार्यशाला में सभी विभागों और सार्वजनिक उपक्रमों के अधिकारी उपस्थित थे।

एक दिवसीय कार्यशाला में बताया गया कि भारत सरकार की अधिसूचना के अंतर्गत पंजीकृत सभी कंपनिया, जिनका कारोबार 250 करोड़ रूपये से अधिक है और सभी केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों को भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा स्थापित ट्रेंड्स प्लेटफार्म पर आन-बोर्ड अथवा पंजीयन करवाने के निर्देश दिए गए है। विभागों तथा सार्वजनिक उपक्रमों को इस प्लेटफार्म से जोड़ने का उद्देश्य एमएसएमई तथा स्टार्ट-अप्स को उनके देयकों का समय पर भुगतान करना है जिससे उनकी नकद तरलता बनी रहे।

ट्रेड रिसीवेबल्स डिस्काउंटिंग सिस्टम सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को बिल डिस्काउंटिंग के माध्यम से उनके द्वारा प्रदाय की गयी वस्तुओं और सेवाओं के लिए तत्काल भुगतान की सुविधा देता है, जो कार्यशील पूंजी के प्रवाह को सक्षम बनाता है। जब कोई विक्रेता ट्रेड रिसीवेबल्स डिस्काउंटिंग सिस्टम प्लेटफॉर्म पर इनवॉइस अपलोड करता है, तो यह स्वीकृति के लिए खरीदार के पास जाता है। जब यह इनवॉइस किसी खरीदार द्वारा स्वीकृत कर ली जाती है, तो ये इनवॉइस नीलामी में जाता है तथा वित्तीय संस्थान विभिन्न छूट की दरों को उद्धृत कर सकता है। अगले कार्य दिवस में राशि विक्रेता को प्रदाय कर दी जाएगी। इसके बाद खरीदार फाइनेंसर को भुगतान करेगा। ट्रेड रिसीवेबल्स डिस्काउंटिंग सिस्टम प्लेटफॉर्म ऑपरेटर Payment and Settlement Systems Act, 2007 के अंतर्गत रिजर्व बैंक ऑफ़ इण्डिया के द्वारा अधिकृत हैं। प्रतिभागियों को ट्रेडस से जुड़े तीन विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। इस अवसर पर एमएसएमई विभाग की उप सचिव सुश्री रूही खान एवं संयुक्त संचालक श्री पंकज दुबे भी उपस्थित थे।

 


Source : Agency

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