भोपाल। महाकाल की नगरी उज्जयिनी को मुख्यमंत्री मोहन यादव अब राज्य की धार्मिक राजधानी बनाने जा रहे हैं। पहले उन्होंने उज्जैन में सीएम का एक कार्यालय भी खोलने की पहल की, अब धर्मस्व विभाग का मुख्यालय भी उज्जैन बनेगा। जैसे प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर को कहते हैं, जबलपुर संस्कारधानी वैसे ही अब धार्मिक राजधानी उज्जैन होगी।
असल में धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग को लेकर सीएम मोहन यादव ने बड़ा फैसला लिया है. दरअसल धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग अब बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में शिफ्ट किया जाएगा. सीएम यादव ने इसे लेकर मुख्य सचिव को निर्देश दे दिए हैं. अब जल्द ही इसे शिफ्टिंग की प्रक्रिया शुरू होगी।
बता दें कि मुख्यालय की शिफ्टिंग के पीछे प्रशासकीय कार्य सुविधा के साथ सिंहस्थ की तैयारियों का कारण बताया गया है. गौरतलब है कि ये संचालनालय प्रदेश में बुजुर्गों को तीर्थ दर्शन कराने व विभिन्न धार्मिक एवं सांस्कृतिक मेलों का आयोजन करवाता है।
उज्जैन से निर्धारित होंगे धार्मिक आयोजन
सीएम के आदेश के बाद धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग का मुख्यालय उज्जैन में शिफ्ट होने के बाद मुख्यालय का पूरा स्टाफ उज्जैन में ही बैठेगा और यही से प्रदेश के धार्मिक आयोजन निर्धारित किए जाएंगे. हालांकि विभाग के प्रमुख सचिव और अन्य स्टाफ भोपाल में बैठेंगे।
सिंहस्थ की तैयारियां उज्जैन से तय होगी
इस बार 2028 में सिंहस्थ का आयोजन होना है. सिंहस्थ के आयोजन में धर्मस्व विभाग की भूमिका सबसे महत्वूर्ण होती है. ऐसे में इसका मुख्यालय उज्जैन में शिफ्ट करने का फैसला लिया गया है. वर्तमान में ये विभाग भोपाल के सतपुड़ा भवन में संचालित हो रहा है.