भोपाल। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के पहले मध्यप्रदेश में तबादलों को लेकर कुछ ज्यादा ही हड़बड़ाहट दिखाई दी। 48 घंटे के अंदर 113 IAS-IPS अफसरों की पदस्थापना बदल दी गई। इस जल्दबाजी में अजीब स्थिति भी बनी। कहीं अफसर के प्रभार लेने के बाद ट्रांसफर कैंसिल कर दिया गया तो कहीं एक जिले में दो-दो अफसरों को अपर कलेक्टर बना दिया गया। इनमें एक आईएएस और दूसरा राज्य प्रशासनिक सेवा का अफसर है। पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा के दामाद को लूप लाइन में भेजा तो दूसरे हो दिन संशोधन करना पड़ा।
चार्ज सौंपते ही निरस्त हुआ तबादला
14 मार्च को जारी आदेश में धनंजय सिंह भदौरिया को पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के सचिव पद से हटाकर राज्य कृषि विपणन बोर्ड का प्रबंध संचालक बनाया था। इस पद से श्रीमन शुक्ला को हटा दिया गया था लेकिन 15 मार्च को जारी आदेश में श्रीमन शुक्ला का ट्रांसफर कैंसिल कर दिया गया। यह आदेश तब कैंसिल हुआ, जब 15 मार्च की दोपहर भदौरिया ज्वॉइन करने मंडी बोर्ड पहुंच गए थे। दोनों ही अधिकारियों ने चार्ज लेने और देने की प्रक्रिया भी पूरी कर ली थी। शनिवार को जारी नए आदेश में धनंजय सिंह भदौरिया को आयुक्त, अनुसूचित जाति विकास और प्रबंध संचालक राज्य अनुसूचित जाति और वित्त विकास निगम बनाया गया है। एक अन्य आदेश में अभय सिंह ओहरिया को उप सचिव, गृह विभाग से हटाकर सीईओ, जिला पंचायत उमरिया बनाया गया है।
अनूपपुर भेज दिए दो अपर कलेक्टर
GAD में आदेश जारी करने को लेकर इस कदर गड़बड़ी की जा रही है कि छोटे से जिले अनूपपुर में दो अपर कलेक्टर पदस्थ कर दिए गए हैं। पहला आदेश मंडला के संयुक्त कलेक्टर अरविंद कुमार सिंह का निकला, जिन्हें प्रमोशन के बाद 14 मार्च को अपर कलेक्टर, अनूपपुर बना दिया गया था। इसके बाद 15 मार्च को जारी आदेश में इस अधिकारी को रिवर्ट करते हुए संयुक्त कलेक्टर, मंडला पर पदस्थापना दी गई।
इसके बाद नए अपर कलेक्टर के रूप में ओमप्रकाश सनोडिया की पोस्टिंग की गई। सनोडिया को 9 मार्च को जारी आदेश में महाप्रबंधक, एमपी वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन बनाया गया था लेकिन 15 मार्च को इनका तबादला अनूपपुर कर दिया। 16 मार्च को आचार संहिता लागू होने के दिन अमन वैष्णव को सीईओ, जिला पंचायत रतलाम से अपर कलेक्टर अनूपपुर बनाया गया।
7 जिलों में प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी पदस्थ
शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश के 5 जिलों में विकासखंड शिक्षा अधिकारियों, डाइट प्राचार्य, हाईस्कूल प्राचार्यों को प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी, जिला परियोजना समन्वयक और प्राचार्य डाइट के पद पर भेजा गया है। ये जिले भिंड, विदिशा, नर्मदापुरम, देवास और रायसेन हैं।
वन विभाग में 13 अफसरों के भी तबादले
लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के पहले तक तबादलों के आदेश जारी किए जाते रहे। वन विभाग द्वारा डॉ. अतुल कुमार श्रीवास्तव को चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन बनाया गया। यह पद असीम श्रीवास्तव के प्रमोशन के बाद से प्रभार में चल रहा था। इसका प्रभार संभाल रहे विभाष कुमार ठाकुर को प्रबंध संचालक, मप्र राज्य लघु वनोपज संघ बनाया गया है। लंबे समय प्रशासन एक की जिम्मेदारी संभाल रहे राकेश कुमार यादव को प्रबंध संचालक, एमपी राज्य वन विकास निगम बनाया गया है।
वन मुख्यालय में पदस्थ प्रधान मुख्य वन संरक्षक वीएन अंबाड़े को कार्य आयोजना और वन भू अभिलेख की जिम्मेदारी सौंपी गई है। मुख्य वन संरक्षक पद्माप्रिया बालकृष्णन को वन विहार राष्ट्रीय उद्यान के संचालक से हटाया गया है। इसके अलावा मुख्य वन संरक्षक, वन संरक्षक, वन मंडल अधिकारी, उप वन संरक्षक स्तर के 13 अफसरों को ट्रांसफर किया गया है। एक अन्य आदेश में वन सेवा के सात अफसरों को कनिष्ठ प्रशासनिक ग्रेड वेतनमान दिया गया है।