नई दिल्ली। जीएसटी इंस्पेक्टर की नौकरी छोड़ मॉडलिंग में दुनिया में उतरी एक्ट्रेस कृति वर्मा का नाम अब मनी लॉंड्रिंग के 264 करोड़ रुपए के घोटाले में जुड़ रहा है। ऐसे में अगर कृति वर्मा पर लगा आरोप साबित हो गया तो उन्हें जेल की हवा खानी पड़ेगी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने २६४ करोड़ रुपये के धोखाधड़ी वाले टीडीएस रिफंड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व आयकर निरीक्षक तानाजी अधिकारी, कृति वर्मा और उनके व्यवसायी प्रेमी भूषण पाटिल के खिलाफ विशेष अदालत में आरोप पत्र दायर किया है।
बता दें कि ईडी ने 264 करोड़ रुपये के टीडीएस घोटाले मामले में एक दर्जन से अधिक अभियुक्तों को नामित किया। जिनमें धोखाधड़ी के धन को रखने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कंपनियां और इनसे जुड़े व्यक्ति शामिल हैं। ईडी ने मामले में 166 करोड़ रुपये की संपत्ति और कीमती सामान को कुर्क, जब्त और फ्रीज किया था और अपराध की शेष आय की जांच कर रहा है। पूर्व जीएसटी निरीक्षक से अभिनेत्री बनीं कृति वर्मा अब चार्जशीट के बाद इस घोटाले में बुरी फंसती नजर आ रही हैं।
कृति वर्मा ने किसी भी गलत काम से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि वह कथित रूप से धोखाधड़ी करने के तीन साल से अधिक समय बाद 2020 में पाटिल के जीवन में आई थी, और दावा किया कि उसका अधिकारी के साथ कोई संबंध नहीं था। भूषण पाटिल, जो पूर्व बिग बॉस और रोडीज एक्सट्रीम प्रतिभागी कृति वर्मा के साथ रिश्ते में था, अधिकारी के साथ एक प्रमुख आरोपी है। ईडी ने कहा कि अवैध रूप से अर्जित धन का अधिकांश हिस्सा पाटिल के खाते में डाला गया था। धन का एक हिस्सा संपत्ति खरीदने के लिए इस्तेमाल किया गया था, जिसमें कृति वर्मा के नाम पर भी कुछ प्रॉपर्टी शामिल है।
12 फर्जी टीडीएस रिफंड को मंजूरी दी
नवंबर 2019 से नवंबर 2020 तक अधिकारी ने 264 करोड़ रुपये के 12 फर्जी टीडीएस रिफंड को मंजूरी दी थी। अधिकारी को 2021 में आई-टी इंस्पेक्टर के रूप में पदोन्नत भी किया गया था। वह उस समय बेनकाब हो गया था जब एक सरकारी खाते से ठगी गई राशि को ट्रांसफर करने वाले बैंक ने इसकी शिकायत की। जनवरी 2022 में सीबीआई ने अधिकारी, पाटिल और चार अज्ञात व्यक्तियों को नामजद करते हुए धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया। सीबीआई की प्राथमिकी में कृति वर्मा का नाम नहीं था। इसके बाद ईडी ने एफआईआर के आधार पर लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया।