वाराशासी। आगामी निर्वाचने: श्री काशी विश्वनाथ कृपा अनुग्रह द्वारा: विजयश्री प्राप्त्य: पुनश्च: देशस्य प्राधान्यपद: कामना: यानी, आनेवाले चुनावों में श्री काशी विश्वनाथ की कृपा से विजय प्राप्त करें और फिर देश के प्रधानमंत्री बनें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में विजय और पुन: देश के प्रधानमंत्री बनने का संकल्प लेकर पूजन किया। मंदिर के अर्चक ने पीएम को देश का प्रधानपद प्राप्त करने की कामना का संकल्प दिलाया। पीएम मोदी माथे पर त्रिपुंड, हाथों में त्रिशूल और सिर पर लौंग-इलायची और बादाम की शृंगार माला पहने थे।
शनिवार को श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में अर्चक श्रीकांत मिश्र ने प्रधानमंत्री को संकल्प दिलाया और षोडशोपचार पूजन करवाया। इससे पहले प्रधानमंत्री ने 2014 में पहली बार और 2019 में दूसरी बार विजय की कामना के साथ बाबा विश्वनाथ का षोडशोपचार पूजन किया था।
यह तीसरा मौका है, जब वह वाराणसी से प्रत्याशी बनने के बाद श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजन के लिए पहुंचे। काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के अध्यक्ष प्रो. नागेंद्र पांडेय ने बताया कि संकल्प की कामना को पूर्ण करने के लिए भगवान शिव के पंचोपचार, षोडशोपचार और राजोपचार पूजन का विधान है।
पीएम ने 15 मिनट तक गर्भ गृह में षोडशोपचार पूजन किया और मंदिर परिसर मे 20 मिनट तक रहे। रुद्र सूक्त मंत्रों के साथ ये पूजन करवाया गया। उन्होंने देश की खुशहाली का भी संकल्प लिया। अभीष्ट की सिद्धि से पूजन के पहले संकल्प का विधान है। बिना संकल्प लिए किसी प्रकार की पूजा कभी भी पूर्ण नहीं मानी जाती है।
साथ ही पूजा का पूरा फल भी प्राप्त नहीं होता है। पूजा में संकल्प लेने का मतलब होता है कि अपने इष्टदेव और स्वयं को साक्षी मानकर पूजन कर्म को संपन्न करना। मान्यता है कि जिस पूजा में बिना संकल्प लिए पूजा कर्म किया जाता है, उसका सारा फल देवराज इंद्र को चला जाता है।