भोपाल। पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी राज्यपाल बनेंगे या उन्हें सांसद के रूप में इस बार भारतीय जनता पार्टी राज्यसभा भेजेगी? कल ही बीजेपी में शामिल हुए पचौरी को लेकर राजनीतिक गलियारों में इस तरह की चर्चा चल रही है।
बीजेपी अपने दल में आने वाले बाहरी दिग्गजों को नवाजने में कभी पीछे नहीं रही। अब 72 वर्षीय पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी के मामले को ही लीजिए। बीजेपी में आमद देते ही पार्टी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने उन्हें मप्र की राजनीति के दूसरे संत की उपाधि दे डाली। इधर,पचौरी के हृदय परिवर्तन पर पीसीसी चीफ को आशंका है कि जरूर कोई डील रही होगी। वर्ना,एक पार्टी में 50 साल गुजारने वाले की विचारधारा यूं ही नहीं बदलती। तो क्या यह डील मप्र में राज्यसभा की वह सीट है, जिसके लोकसभा चुनाव बाद रिक्त होने की संभावना बढ़ गई है।
हालांकि बीजेपी के अंदरखाने की खबर ये है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के गुना से लोकसभा चुने जाने के बाद यहां के निवर्तमान सांसद केपी यादव को शेष ढाई साल के कार्यकाल के लिए राज्यसभा भेजा जाएगा। हाइकमान के समक्ष इस तरह की सहमति बनी है। वैसे बीजेपी नेतृत्व कुछ भी कर सकता है और इसीलिए ये भी कहा जा रहा है कि पचौरी को राज्यपाल भी बनाए जाने के प्रस्ताव पर चर्चा चल रही है।
असल में पचौरी को बीजेपी में लाने के पीछे पूर्व मंत्री संजय पाठक और सिंधिया की भूमिका मानी जा रही है। पाठक ने वीडी शर्मा से और दिल्ली में सिंधिया ने मामला जमाया। दो दिन पहले ही पचौरी सिंधिया के दिल्ली वाले बंगले पर देखे गए थे।