Bhopal। प्रदेश के कर्मचारियों को आज निराशा हाथ लगी है।मंत्रालय में हुई कैबिनेट बैठक में प्रदेश के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते को लेकर चर्चा नहीं की गई। आचार संहिता के संभवतः ये आखिरी कैबिनेट की बैठक थी और इसमें डीए बढ़ने की संभावनाएं जताई गईं थी। केंद्र सरकार ने हाल ही में कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ाने की घोषणा की है।b
MP के करीब 12 लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारी अभी केंद्रीय कर्मचारियों से 8% पीछे हैं। एमपी में अभी 42% महंगाई भत्ता ही मिल रहा है। जबकि केंद्रीय कर्मचारियों को 50 फीसदी महंगाई भत्ता मिल रहा है।
इस विसंगति को लेकर मध्यप्रदेश के कर्मचारियों में निराशा है। सरकार से कर्मचारी पिछले 8 महीनों से केंद्र के बराबर महंगाई और राहत भत्ता दिए जाने की मांग कर रहे हैं।
कर्मचारी संगठनों का कहना है कि जहां प्रदेश सरकार द्वारा जुलाई 2023 से 4% महंगाई भत्ता और महंगाई राहत प्रदेश के साढ़े सात लाख कार्यरत और साढ़े चार लाख सेवानिवृत्ति कर्मचारियों को अभी तक प्रदान नहीं की है। वहीं केंद्र द्वारा 4% महंगाई भत्ता/राहत की घोषणा कर देने से प्रेदश के कर्मचारी 8% महंगाई भत्ता और महंगाई राहत से पीछे हो गए हैं।