भोपाल। मध्य प्रदेश में आत्महत्या के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। बीते कुछ सालों में प्रदेश में आत्महत्या के मामले तीन प्रतिशत की दर से बढ़े हैं। इसके पीछे मानसिक तनाव, बीमारियां, पारिवारिक कलह, पढ़ाई का दबाव जैसे कारण प्रमुख बताए जा रहे हैं, लेकिन इनका निदान नहीं किया जा रहा है।
केंद्र की ओर से फरवरी में दिशा-निर्देश जारी कर राज्यों को बहुभाषीय समिति बनाकर आत्म हत्या रोकने की नीति को अंतिम स्वरूप देने के निर्देश दिए गए, लेकिन इसके छह महीने बाद भी प्रदेश में इस समिति की एक भी बैठक नहीं हो सकी है।
आत्महत्या करने वाला वर्ग व उनका प्रतिशत
दैनिक मजदूर – 25.6 प्रतिशत
गृहिणी – 14.1 प्रतिशत
व्यवसायी – 12.3 प्रतिशत
नौकरीपेशा – 9.7 प्रतिशत
बेरोजगार – 8.4 प्रतिशत
छात्र – 8.0 प्रतिशत
किसान – 6.6 प्रतिशत
सेवानिवृत लोग – 0.9 प्रतिशत
अन्य – 14.4 प्रतिशत
आत्महत्या के मुख्य कारण
33.2 प्रतिशत : पारिवारिक समस्याएं (विवाह संबंधी समस्याओं के अलावा)
4.8 प्रतिशत : विवाह संबंधी समस्याएं
18.6 प्रतिशत : बीमारी