भोपाल। पूजा पाठ और तांत्रिक क्रियाओं में भयंकर विश्वास करने वाले शिवराज एक बार फिर अनुष्ठान और विशेष पूजन में जुट गए हैं। यही कारण है कि राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज है की यदि बीजेपी सत्ता में आती है तो ताज फिर से शिवराज के सिर पर ही सजेगा।
मध्य प्रदेश चुनावों की वोटिंग के बाद और चुनाव परिणाम आने से ठीक पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पत्नी साधना सिंह के साथ उज्जैन में भगवान महाकाल की शरण में पहुंचे हैं. मंदिर के पुजारियों ने बाबा महाकाल के दर पर मध्य प्रदेश के चुनावाें में जीत के लिए खास पूजा करवाई है. बता दें कि इससे पहले सीएम शिवराज नरसिंहपुर के हीरापुर आश्रम गए थे, जहां के उन्होंने गुरु षडमुखानंद जी महाराज से आशीर्वाद लिया और विशेष अनुष्ठान में भाग लिया था।
उत्तराखंड से लेकर तमिलनाडु तक सीएम से शिवराज धार्मिक अनुष्ठान करवाते रहते हैं।
ऐसा माना जाता है कि इन्ही अनुष्ठानों के कारण उनकी राजनीतिक यात्रा निष्कंटक होती आई है। इस बार भी पीएम मोदी और अमित शाह ने पूरी कोशिश की थी कि शिवराज को हाशिए पर भेज दिया जाए। लेकिन पहली सूची के बाद ही उनकी रणनीति फेल हो गई। शिवराज ने अपने प्रभाव और हथकंडों का प्रयोग करना शुरू किया, तो मोदी भी फ्लॉप होते नजर आए।
कुल मिलाकर अब जब चुनाव हो चुके हैं, सत्ता को लेकर अनुमान लगाए जा रहे हैं, वहीं ये अनुमान भी लग रहे हैं कि किस पार्टी की सरकार बनती है, तो सीएम कौन बनेगा? इसी दिशा में अब अनुष्ठान का दौर शुरू हुआ है। बीजेपी में चर्चा है कि यदि बीजेपी आती है तो शिवराज सीएम नही बनेंगे। लेकिन शिवराज जिस गुणा भाग से लड़ते आए हैं, उससे साफ है कि शिवराज हथियार डालने वाले तो नहीं हैं। उन्हें पार्टी का सपोर्ट भले ही कम मिले, लेकिन संघ का सपोर्ट पूरा मिलना तय है। भोपाल के राजनीतिक गलियारों में चर्चा यही है कि शिवराज चाहेंगे तो ही सरकार बनेगी। और वो तभी चाहेंगे, जब उन्हें सीएम बनाया जाए।