भोपाल। मध्यप्रदेश की मुख्य सचिव सचिव श्रीमती वीरा राणा के पूर्व कार्यकाल माध्यमिक शिक्षा मंडल के अध्यक्ष रहते हुए बडी आर्थिक गड़बड़ी के आरोप लगे हैं।आर्थिक अनिमियतता की लोकायुक्त में शिकायत की गई है।
जानकारी के अनुसार माध्यमिक शिक्षा मंडल के अध्यक्ष द्वारा माह जून 2023 में मध्यप्रदेश के 3500 परीक्षा केन्द्रों के लिए कंप्यूटर डेस्कटॉप, फोटोकॉपियर एवं यूपीएस, इस तरह कुल तीन नग प्रति केंद्र का क्रय किया गया। इस क्रय में कंप्यूटर डेस्कटॉप का क्रय मूल्य राशि रुपये 1,39350 प्रति नग थी, इस प्रकार समस्त उपकरणों पर राशि रुपये 96.70 करोड़ की धनराशि खर्च की गई।
माध्यमिक शिक्षा मंडल के विषय विशेषज्ञों के अनुसार उपरोक्त क्रय किए गए कंप्यूटर खरीदी में बड़े स्तर पर अनियमित्ता हुई है।
शिक्षा मंडल के अधिकारियों ने बताया कि *सहकारिता विभाग द्वारा सितंबर 2023 में 4519 सहकारी समितियां के लिए हार्डवेयर की खरीदी हुई है जिसमें प्रति पैक्स के लिए 05 उपकरणों-डेस्कटॉप, मल्टी फंक्शन डिवाइस(फोटोकॉपी, स्कैन, प्रिंट), यूपीएस, वीपीएन एवं बायोमेट्रिक डिवाइस मिलाकर सभी उपकरणों का क्रय मात्र राशि रुपये 122076 में ही कुल लगभग राशि रुपये 55 करोड़ की राशि से कर लिया गया।
इस प्रकार माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा एक उपकरण (कंप्यूटर डेस्कटॉप) को राशि रुपये 1,39350 प्रति नग में खरीदा, वहीं सहकारिता विभाग द्वारा इससे कम राशि (रु 122076) में ही पांच उपकरण खरीदे। सहकारिता विभाग द्वारा बेहतर तकनीकी का कंप्यूटर डेस्कटॉप राशि रुपये 57052 प्रति नग की दरों पर क्रय किया गया।
दोनों विभागों के हार्डवेयर खरीदी में तुलनात्मक रूप से लगभग 45 करोड़ राशि का अंतर स्पष्ट देखा जा रहा है, दूसरा महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि दोनों विभागों द्वारा की गई खरीदी में माध्यमिक शिक्षा मंडल के प्रति नग डेस्कटॉप की दरें रुपये 82 हजार अधिक है, जो कि प्रचलित बाजार दर की लगभग ढाई गुना है।
यह उल्लेखनीय है कि माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा उपरोक्त हार्डवेयर उपकरणों के लिए राशि रुपए 96.70 करोड़ वह की गई वहीं दूसरी ओर सहकारिता विभाग द्वारा इसके लिए लगभग आधी राशि 55.16 करोड़ से 1000 से भी अधिक पैक्स (3500 के स्थान पर 4519 पैक्स ) के लिए बेहतर स्पेसिफिकेशन के 5 हार्डवेयर उपकरणों का करे 3 वर्ष की वारंटी एवं 2 वर्ष की मेंटेनेंस के साथ किया गया है ।
उदाहरण के तौर पर माध्यमिक शिक्षा द्वारा विंडोज 10 प्रोफेशनल ऑपरेटिंग सिस्टम, 11th जनरेशन प्रोसेसर, 4gm RAM, 1 TB HDD, 1 साल वारंटी के डेस्कटॉप ( पर यूनिट कॉस्ट – 139350/-) क्रय किए गए, वहीँ सहकारिता विभाग अंतर्गत पैक्स के लिए विंडोज 11 प्रोफेशनल ऑपरेटिंग सिस्टम 12th जनरेशन प्रोसेसर, 8GB RAM, 512 SSD, 3 साल की वारंटी प्लस 2 साल AMC के डेस्कटॉप (पर यूनिट कॉस्ट- 57052/-) क्रय किए गए, जो कि बेहतर स्पेसिफ़िकेशन के हैं तथा इसमें 3 वर्ष की वारंटी एवं 2 वर्ष की मेंटेनस भी सम्मिलित हैं।
इस प्रकार माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा टैक्स के लिए क्रय किए गए डेस्कटॉप की तुलना में प्रति डेस्कटॉप पर राशि 82298/ अधिक व्यय की गई । यदि माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा टैक्स हेतु क्रय किए गए डेस्कटॉप की दर (प्रति यूनिट 57052 ) पर डेस्कटॉप का क्रय किया जाता है तो 28.80 करोड़ की शासकीय राशि की बचत हो सकती थी और बेहतर स्पेसिफिक के होते एवं 3 वर्ष की वारंटी 2 वर्ष का मेंटेनेंस शामिल होती ।
शिकायतकर्ता का आरोप है माध्यमिक शिक्षा मंडल अध्यक्ष तत्कालीन अध्यक्ष श्रीमती वीरा राणा के कार्यकाल के दौरान लगभग 50 करोड़ से अधिक राशि की खरीदी में आर्थिक अनियमितता हुई है। उपरोक्त मामले की लोकायुक्त संगठन से जांच कराई जाना आवश्यक है।
मामला मुख्य सचिव से जुडा है इसलिए इसकी गहन जांच के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय एवं मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को भी इस बडी आर्थिक गड़बड़ी के कागज सहित शिकायत भेजने की जानकारी है ।