इंदौर. इंदौर में स्टूडेंट्स ने मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के दफ्तर का घेराव कर दिया। करीब 500 से ज्यादा स्टूडेंट्स PSC के दफ्तर के बाहर धरने पर बैठ गए।सोमवार दोपहर करीब 2 बजे से शुरू हुआ प्रदर्शन अभी भी जारी है। सैकड़ों स्टूडेंट्स अब भी वहां पर डटे हुए हैं। उनकी मांग है कि हर बार की तरह मेंस की तैयारी के लिए ज्यादा समय दिया जाए।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ये हमारी आर-पार की लड़ाई है। सुनवाई नहीं हुई तो भूख हड़ताल पर बैठेंगे। प्रदर्शनकारियों ने PSC पर मनमानी और तानाशाही के आरोप लगाए है। इधर, मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल भी मौजूद है। पुलिस अधिकारियों ने स्टूडेंट्स को प्रदर्शन खत्म करने के लिए समझाइश भी दी, लेकिन वे नहीं माने।
स्टूडेंट भास्कर कलावत ने बताया कि हमारे प्रतिनिधि मंडल ने डिप्टी सेक्रेटरी राखी सहाय से बात की है। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस मामले में मीटिंग कर निर्णय लिया जाएगा। जिस पर स्टूडेंट्स सहमत नहीं हुए। उन्होंने कहा कि एक महीने से आश्वासन के अलावा कुछ नहीं हो रहा है।
स्टूडेंट्स का प्रतिनिधिमंडल PSC के सेक्रेटरी से मिले
स्टूडेंट भास्कर कलावत ने बताया कि हमारे प्रतिनिधि
मंडल ने डिप्टी सेक्रेटरी राखी सहाय से बात की है।
उन्होंने आश्वासन दिया कि इस मामले में मीटिंग कर
निर्णय लिया जाएगा। जिस पर स्टूडेंट्स सहमत नहीं
हुए। उन्होंने कहा कि एक महीने से आश्वासन के अलावा
कुछ नहीं हो रहा है।
स्टूडेंट्स बोले- कम समय में तैयारी कैसे करे
स्टूडेंट आकाश बादल ने बताया 2023 की प्री परीक्षा के परिणाम के बाद सिर्फ 45 दिनों का समय क्यों दिया जा रहा है। इसके पहले 2019, 2020, 2021 और 2022 की परीक्षा में छह से आठ महीने का समय दिया गया था। इस बार इतने कम समय में कैसे तैयारी करें। हमें कम से कम तीन महीने का समय तैयारियों के लिए दिया जाए।
‘सिर्फ 60 पदों के लिए भर्ती बेरोजगारों के साथ
मजाक’
स्टूडेंट्स ने आरोप लगाया कि मध्यप्रदेश में 45 लाख लोग बेरोजगार हैं। चुनाव के पहले सरकार कहती है कि मोदी की गारंटी है और हम ढाई लाख सरकारी पदों को भरेंगे। इसके बाद मध्यप्रदेश सरकार 60 पदों के लिए विज्ञापन जारी करती है। यह बेरोजगारों के साथ मजाक है।यह सरकार डबल इंजन सरकार की बात करती हैं लेकिन बेरोजगारों की समस्या नहीं समझी जाती। हमारी मांग है कि 2024 में 500 पद किए जाएं। 13% का परिणाम अभी जो जारी नहीं किया गया है, उसे जारी
किया जाए।
आयोग के चेयरमैन जब तक नहीं आएंगे, प्रदर्शन रहेगा जारी
स्टूडेंट्स ने यह भी मांग की है, कि मुख्य परीक्षा की कॉपियां जो 2018 तक दिखाई जाती थी, वह फिर से दिखाई जाएं। बबीता चौहान ने कहा कि इतने कम समय में सिलेबस पूरा नहीं हो सकता। कई स्टूडेंट्स का आखिरी अटेम्प्ट है। फिर वे दायरे से बाहर हो जाएंगे।