भोपाल। जल संसाधन विभाग में कहने को एक दर्जन से अधिक वरिष्ठ अधीक्षण यंत्री मौजूद हैं, इसके बावजूद एक बार फिर एक सेवानिवृत्त अधीक्षण यंत्री शिरीष मिश्रा को इसी पद पर संविदा नियुक्ति प्रदान की गई है। साथ ही उन्हें विभाग का मुखिया भी बना दिया गया है। जबकि दूसरी तरफ विभाग में मौजूद अधीक्षण यंत्रियोंं को मुख्य अभियंता के पद पर पदोन्नति भी नहीं दी जा रही है। कोटे वाले अफसर होने के कारण ही उन्हें प्रमुख अभियंता का प्रभार भी नही दिया जा रहा है।
शासन द्वारा जारी आदेश के अनुसार शिरीष मिश्रा सेवानिवृत्त अधीक्षण यंत्री (सिविल) को कार्यभार ग्रहण करने के दिनांक से एक वर्ष के लिए अधीक्षण यंत्री (सिविल) के पद पर संविदा नियुक्ति प्रदान की गई है। राज्य शासन एतद द्वारा शिरीष मिश्रा को अस्थाई रूप से आगामी आदेश तक प्रमुख अभियंता, जल संसाधन विभाग तो बनाया ही गया है, उन्हें मुख्य अभियंता (केन्द्रीयकृत निविदा इकाई) कार्यालय प्रमुख अभियंता, जल संसाधन विभाग, भोपाल के रिक्त पद का प्रभार भी सौंपा गया है। शिरीष मिश्रा को प्रमुख अभियंता, जल संसाधन विभाग एवं मुख्य अभियंता, केन्द्रीयकृत निविदा इकाई, भोपाल के प्रभार में रहने की अवधि तक विभाग के तमाम प्रशासकीय एवं वित्तीय अधिकार प्रत्यायोजित किये गए हैं।
उल्लेखनीय है कि जल संसाधन विभाग में सात और नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण में पांच अधीक्षण यंत्री कार्यरत हैं, जिन्हें दस या अधिक वर्ष का अनुभव है। उनमें से किसी अधिकारी को प्रमुख अभियंता का प्रभार नहीं दिया गया। बताया जाता है कि ये सभी आरक्षित वर्ग के अधिकारी हैं।