भोपाल। लोकसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग को कोई भी प्रस्ताव सीधे नहीं भेजे जाएंगे। इसके लिए राज्य शासन द्वारा बनाई गई स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में हुए फैसलों के बाद निर्णय लिया जाएगा। चुनाव के मद्देनजर विधानसभा इलेक्शन की तर्ज पर लोकसभा इलेक्शन के लिए भी स्क्रीनिंग कमेटी का गठन कर दिया गया है।
जारी आदेश में कहा है कि मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के माध्यम से भारत निर्वाचन आयोग को विभागों की ओर से भेजे जाने वाले प्रस्तावों का परीक्षण करने और इस पर अनुशंसा करने के लिए जो कमेटी बनी है उसकी अध्यक्ष मुख्य सचिव वीरा राणा होंगी। इस समिति में प्रमुख सचिव सामान्य प्रशासन तथा प्रस्ताव प्रस्तुत करने वाले विभागों से संबंधित अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव व सचिव सदस्य होंगे।
इसके बाद लोकसभा निर्वाचन-2024 के लिए लागू आचार संहिता के दौरान अब कोई भी विभाग अपना प्रस्ताव सीधे मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी और चुनाव आयोग को नहीं भेज सकेंगे। इसके लिए पहले प्रस्ताव को स्क्रीनिंग कमेटी के परीक्षण और अनुशंसा के लिए भेजा जाएगा।
स्क्रीनिंग कमेटी के पास प्रस्ताव भेजने के पहले प्रशासकीय विभाग भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों, स्पष्टीकरण का पर्याप्त अध्ययन करेगा और उसके अनुसार परीक्षण करते हुए भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों व आदेशों का हवाला देते हुए उसे पेश करेगा। प्रशासकीय विभाग को अपने प्रस्ताव में यह भी दर्शाना होगा कि प्रस्ताव क्यों अत्यन्त महत्वपूर्ण है और निर्वाचन प्रक्रिया पूर्ण होने तक इसे क्यों नहीं रोका जा सकता है।
भारत निर्वाचन आयोग को प्रेषित किया जाने वाला प्रस्ताव स्वयं स्पष्ट टीप के रूप में भेजा जाएगा। प्रस्ताव भेजने के पूर्व भारत निर्वाचन आयोग के निर्णय में लगने वाले संभावित समय का विशेष ध्यान रखा जाएगा।
DGP और प्रदेश पुलिस डेपुटेशन पर नोटिफिकेशन
उधर, चुनाव के दौरान प्रदेश के डीजीपी और पुलिस महकमे के अधिकारियों व कर्मचारियों को प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ माने जाने का नोटिफिकेशन भी राज्य सरकार ने चुनाव आयोग के निर्देश के बाद कर दिया है। इसके बाद अब चुनाव होने तक पुलिस अधिकारी चुनाव आयोग में प्रतिनियुक्ति पर माने जाएंगे।