भोपाल। एक इंटरव्यू में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है, “मैं निश्चित तौर पर सीएम की रेस में नहीं हूं. मैं भारतीय जनता पार्टी का सेवक हूं. पार्टी के हित में नेतृत्व जो भी फैसला लेगा, मैं उसका दिल से पालन करूंगा.”
मध्य प्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों के लिए 17 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. बीजेपी इस बार बिना किसी मुख्यमंत्री चेहरे के चुनाव लड़ रही है।
चुनाव प्रचार के दौरान सिंधिया एक साक्षात्कार के दौरान जब उनसे पूछा गया कि पार्टी ने अगर आपको सीएम की जिम्मेदारी दी तो आप क्या करेंगे? इसके जवाब में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, “ये ही सवाल 2013 में पूछा था… ये ही सवाल 2018 में पूछा था.. अब 10 साल बाद फिर मुझे पूछ रहे हैं..मैंने तब भी कहा था कि मैं इस दौड़ में नहीं हूं.. मैं एक सेवक हूं एमपी की जनता का.. जो भी आदेश मेरी पार्टी करेगी… उसका पालन मैं करूंगा.. लेकिन मुख्यमंत्री की रेस में मैं नहीं हूं…।
पीएम के चेहरे पर क्यों चुनाव लड़ रहे हैं?
अगर एमपी में एंटी इंकमबेंसी नहीं है, तो बीजेपी पीएम के चेहरे पर चुनाव क्यों लड़ रही है? इसके जवाब में सिंधिया ने कहा, “प्रधानमंत्री इस देश के सर्वश्रेष्ठ नेता हैं. पूरी बीजेपी एमपी एकसाथ मिलकर उनके नेतृत्व में इस चुनाव अभियान को लड़ रही है. एक चेहरा हो तो आप कहते हैं कि गुट है… सब साथ में हों तो आप कहते हैं कि एक चेहरा क्यों नहीं है.”
कमलनाथ ने भ्रष्टाचार का नया कीर्तिमान बनाया
BJP कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व सीएम कमलनाथ को ‘करप्शन नाथ’ बताती है. इससे जुड़े सवाल पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, “उनके 18 महीने के कार्यकाल में तो भ्रष्टाचार विश्व स्तर पर पहुंच गया था. कमलनाथ ने नया कीर्तमान स्थापित कर दिया था.”
BJP कार्यकर्ताओं की पार्टी
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, “आप भारतीय जनता पार्टी को अच्छी तरह से जानते हैं. जब मैं कांग्रेस में था, तब भी मुझ से ये सवाल किया जाता था. आज बीजेपी में हूं तो भी यही सवाल पूछा जा रहा है. कांग्रेस पार्टी में गुट होते हैं. वहां सीएम के प्रत्याशी होते हैं. वहां सत्ता की लालच होती है. कांग्रेस में सरकार बनने के पहले 8-8 सीएम बन जाते हैं. लेकिन बीजेपी कार्यकर्ताओं की पार्टी है. यहां न कोई नेता है, न कोई मंत्री है, न कोई सीएम है. हम सब पहले कार्यकर्ता हैं और आखिरी तक हमलोग कार्यकर्ता हैं.”
एमपी में कोई एंटी इंकमबेंसी नहीं
सिंधिया ने कहा, “मध्य प्रदेश में कहीं भी कोई एंटी इंकमबेंसी (सत्ता विरोधी लहर) नहीं है. एंटी इंकमबेंसी आखिर होता क्या है. इसके दो चरित्र होते हैं. पहला चरित्र- चुनाव के दर्मियान भीड़ नहीं जुट पाती. चुनाव के दर्मियान नेता जनता के बीच जब जाते हैं, तो संकोच के साथ जाते हैं. चुनाव के दर्मियान जब जनता उमड़ कर आती है, तो क्रोध के साथ आती है. दूसरा चरित्र- एंटी इंकमबेंसी का दूसरा चरित्र चुनाव परिणाम के वक्त शुरू होता है. अगर आप दोनों चरित्र को मिलाकर देखें, तो आपके पास, आपके इतिहास में एक सबसे बेहतरीन उदाहरण है. ये उदाहरण 2003 का है. जब मध्य प्रदेश में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया था. बीएसपी मुद्दा था. बीएसपी यानी बिजली, सड़क और पानी. 37 सीट तक कांग्रेस सिमट चुकी थी. बीजेपी की रैलियों में एंटी इंकमबेंसी जैसी कोई बात नहीं दिख रही है.”
मध्य प्रदेश में बीजेपी को मिलेगा जनता का आशीर्वाद
क्या मध्य प्रदेश में बीजेपी की वापसी होने जा रही है? इस सवाल के जवाब में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने NDTV से कहा, “मैं आश्वस्त हूं. ऐसा ही होगा. बीजेपी का ट्रैक रिकॉर्ड विकास, समावेशी विकास और विस्तारित विकास का रहा है. ऐसे में मैं कॉन्फिडेंट हूं कि मध्य प्रदेश की जनता बीजेपी को जीत का आशीर्वाद देगी और दोबारा से हमारी पार्टी की पूर्ण बहुमत से सरकार बनाएगी.”