ग्वालियर। दूध और उससे बने खाद्य पदार्थों में मिलावट को लेकर हाई कोर्ट ने एक बार फिर सख्त रुख अपनाया है, हाई कोर्ट में आज याचिका की सुनवाई के दौरान शासन के द्वारा कम्प्लाइन्स रिपोर्ट पेश की गई जिसे सुनने के बाद हाई कोर्ट ने कहा कि इस मामले में अब चीफ सेकेट्री और कमिश्नर खाद्य सुरक्षा मप्र एक शपथ पत्र प्रस्तुत करें कि शासन ने अब तक मिलावटखोरी रोकने के लिए क्या उपाय किये, कोर्ट ने ग्वालियर, इंदौर और जबलपुर में स्थापित होने वाली लैब के शुरू होने के बारे में भी जानकारी तलब की है।
हाई कोर्ट ने CS और खाद्य कमिश्नर से मांगा शपथपत्र
स्वर्गीय अधिवक्ता उमेश बोहरे की मिलावट संबंधी जनहित याचिका पर आज ग्वालियर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई , शासन की तरफ से कम्प्लाइन्स रिपोर्ट पेश की गई जिसे सुनने के बाद हाई कोर्ट ने कहा कि इस मामले में चीफ सेकेट्री या उनके ऑफिस का कोई अधिकारी शपथ पत्र प्रस्तुत करे साथ ही आयुक्त खाद्य सुरक्षा मप्र भी शपथ पत्र प्रस्तुत कर बताएं कि सरकार ने मिलावट रोकने के लिए अब तक क्या किया?
ग्वालियर जूरिडिक्शन के सभी 9 जिलों के कलेक्टर्स से मांगी रिपोर्ट
हाईकोर्ट ने ये भी जानना चाहा कि मिलावट रोकने के लिए जिला स्तर पर क्या क्या प्रयास किये गए और किये जा रहे हैं, हाई कोर्ट ने ग्वालियर जूरिडिक्शन के सभी 9 जिलों के कलेक्टर्स से रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट ने इन सभी कलेक्टर्स से पूछा है कि खाद्य पदार्थों में मिलावट रोकने के लिए जन जागरूकता अभियान चलाने के लिए अब तक कौन-कौन से कदम उठाए हैं, अतिरिक्त महाधिवक्ता एमपीएस रघुवंशी ने इस मामले की पूरी जानकारी दी और बताया कि इस मामले की अगली सुनवाई अब 24 जनवरी को होगी।