जबलपुर । स्थित हाई कोर्ट आफ मध्य प्रदेश के विद्वान न्यायाधीश श्री जीएस अहलूवालिया की सिंगल बेंच ने नरसिंहपुर के कलेक्टर और सपा को कोर्ट रूम में बुलाकर फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि किसी भी डॉक्यूमेंट पर सिग्नेचर करने से पहले विवेक का इस्तेमाल किया करो। मामला एक व्यक्ति की जिला बदर की कार्रवाई का है। उसके खिलाफ मात्र 2 अपराधिक मामले दर्ज हैं, इसके बाद भी जिला बदर की कार्रवाई कर दी गई।
गाडरवारा के किसान बृजमोहन उर्फ बिरजू कौरव को एसपी के प्रतिवेदन पर तत्कालीन कलेक्टर व जिला दंडाधिकारी ऋजु बाफना ने जिलाबदर कर दिया था। इस आदेश के विरुद्ध बृजमोहन ने हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी। 21 फरवरी की सुनवाई में हाई कोर्ट ने पुलिस द्वारा प्रकरण में दाखिल की गई रिपोर्ट को असंतोषजनक माना। यह भी कहा कि एसपी द्वारा प्रकरण में विवेक का प्रयोग न करना दर्शाता है। पुलिस ने याचिकाकर्ता के वर्तमान स्थान की पुष्टि नहीं की। उसका वर्तमान पता भी नहीं है। महज दो मामलों में जिलाबदर करने का रवैया आश्चर्यजनक है।
पहले भी किए गए जिला बदर को संभागायुक्त ने किया था निरस्त
याचिकाकर्ता बृजमोहन कौरव के अनुसार उन्होंने ककराघाट से पैदल मार्च किया था। रायसेन जिले के बरेली में पहुंचने पर उन्हें व उनके काफिले को सरकारी अमले द्वारा रोक दिया गया। इसके बाद उन्हें नरसिंहपुर जिले में प्रवेश करने ही नहीं दिया और सीधे जिलाबदर की कार्रवाई प्रस्तावित कर इस संबंध में आदेश जारी करवा दिया गया।
कौरव के अनुसार जब जिलाबदर का आदेश जारी किया गया था तब की स्थिति में उनके ऊपर चीचली में भाषण के दौरान अभद्र टिप्पणी का मामला व सिंहपुर गांव में आंदोलन के दौरान तहसीलदार निर्मल पटले से संबंधित मामला लंबित था। इसके पूर्व वर्ष 2005 में दर्ज दो अन्य मामलों में वे बाइज्जत बरी हो चुके थे।