भोपाल। मध्य प्रदेश समेत पूरे देश में पहले प्याज ने आम आदमी को रुलाया तो अब प्रदेश में खाद किसानों को रुला रही है. रवि फसल की बुवाई का सीजन शुरू होते ही प्रदेश में खाद की दिक्कत शुरू हो गई है. दतिया, छतरपुर, नर्मदापुरम, बुंदेलखंड समेत प्रदेश के कई हिस्सों में किसानों को खाद नहीं मिल पा रही है। ऐसे में मध्यप्रदेश में खाद को लेकर सियासी पारा भी चढ़ने लगा है, कांग्रेस ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि किसानों की समस्या को लेकर इस बार भी सरकार विफल रही है।
प्रदेश में ऐसी कई तस्वीरें सामने आ रही हैं जहां कहीं यूरिया खत्म तो कहीं रैक नहीं. एक के बाद जिलों से खाद कालाबाजारी का आरोप के चलते हंगामे की तस्वीर भी किसानों के दर्द को बयां कर रही हैं. ऐसे में मध्यप्रदेश में खाद को लेकर सियासी पारा भी चढ़ने लगा है. कांग्रेस ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि किसानों की समस्या को लेकर इस बार भी सरकार विफल रही है. पूरे प्रदेश में खाद की कालाबाजारी की जा रही है।
बता दें कि एमपी में 81 लाख 71 हजार हेक्टेयर में रवि की फसल होती है. पिछले साल की तुलना में इस बार गेहूं की फसल का रकबा 5.33 फीसदी बढ़ने का अनुमान भी है. पूरे सीजन में 27-28 लाख टन खाद की आवश्यकता होती है. जिसमें यूरिया और डीएपी की मांग सबसे ज्यादा होती है।
मुरैना में खाद की कमी के कारण किसान परेशान
वही, मुरैना जिले में भी खाद की कमी के कारण किसान परेशान हैं। केंद्रों पर किसानों की लंबी कतार लग रही हैं। मगर बारी आते-आते खाद खत्म हो जा रही है। इससे आम लोगों की परेशानी बढ़ गई। किसानों का कहना है केंद्रों में आवश्कता से कम खाद विरतरण किया जा रहा है।
खाद के लिए भटक रहे किसान: कांग्रेस
मध्यप्रदेश कांग्रेस ने ट्वीट कर लिखा- मप्र के किसानों पर मुसीबत जारी, खाद के लिए भटक रहे किसान, सरकार को किसानों की कोई सुध नहीं, सीएम जी, जाते जाते कुछ तो प्रायश्चित कर जाओ।