ग्वालियर। मध्यप्रदेश की स्थापना दिवस पर प्रदेश वासियों को एक बहुत बड़ी सौगात मिली है। प्रदेश की ऐतिहासिक नगरी ग्वालियर को यूनेस्को ने अपनी क्रिएटिव सिटीज में शामिल किया है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया एवम प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने इस उपलब्धि पर बधाई दी है।
ग्वालियर को उसकी संगीत विरासत के लिए चुना गया है। यूनेस्को ने विभिन्न कैटेगरी में दुनियाभर से सिर्फ 55 शहरों को जगह दी है। इनमें भारत से ग्वालियर को सिलेक्ट किया गया है। इसके साथ केरल के कोझिकोड को भी ये उपलब्धि हासिल हुई है। उसे ‘साहित्य’ श्रेणी में इस सूची में शामिल किया गया है। यूनेस्को ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर इसकी घोषणा की है। अब तक इस सूची में 100 से अधिक देशों के 350 शहरों को शामिल किया गया है।
बता दें, मध्य प्रदेश टूरिज्म विभाग ने इसका प्रस्ताव यूनेस्को को भेजा था। इस प्रस्ताव में बताया गया था कि ग्वालियर अपनी संगीत धरोहर के लिए दुनियाभर में जाना जाता है। यह शहर तानसेन, बेजू बाबरा, राग रागनी, ध्रुपद के लिए प्रसिद्ध है। ग्वालियर को मिली इस सफलता पर मध्य प्रदेश टूरिज्म विभाग ने हर्ष जताते हुए आगे इस विरासत को और बढ़ाने की बात कही है। साथ ही कहा है कि प्रदेश के अन्य शहरों के प्रस्ताव भी यूनेस्को में भेजे जाएंगे।
सिंधिया ने लिखा था पत्र
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट कर बताया कि मध्यप्रदेश स्थापना दिवस के अवसर पर प्रदेश खासकर ग्वालियर-वासियों के लिए एक गौरव भरा ऐतिहासिक पल है। मुझे यह बताते हुए अत्यंत प्रसन्नता हो रही है कि हृश्वस्ष्टह्र द्वारा ग्वालियर को सिटी ऑफ़ म्यूजिक की मान्यता दी गई है। यह उपलब्धि हमारे अथक प्रयासों का परिणाम है। ग्वालियर की यह उपलब्धि विश्व पटल पर मध्य प्रदेश की एक नई पहचान स्थापित करेगी और विकास व रोजग़ार के नये द्वार खोलेगी। सभी प्रदेश वासियों को इस ऐतिहासिक उपलब्धि की अनंत बधाई तथा स्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।