भोपाल। मध्य प्रदेश शासन वन विभाग एवं म.प्र. राज्य लघु वनोपज (व्यापार एवं विकास) सहकारी संघ मर्यादित द्वारा आयोजित वन मेले का शुभारंभ आज राज्यपाल मंगुभाईं पटेल करेंगे।
प्रदेश के वन मंत्री नागर सिंह चौहान ने आज एक प्रेस कांफ्रेंस में ये जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वन मेला का आयोजन वर्ष 2001 से प्रदेश स्तरीय मेले के रूप में आरंभ किया गया। वर्ष 2011 से मेले का अंतर्राष्ट्रीय विस्तार हुआ, तभी से यह वर्ष 2018 व 2020 को छोड़ प्रत्येक वर्ष के दिसम्बर माह में मेले का आयोजित किया जा रहा हैं। वन मेले के आयोजन का प्रादेशिक से राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय से अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक का विस्तार लघु वनोपज के वैभव एवं संपन्नता, ग्रामीण आजीविका एवं निर्भरता को प्रदर्शित करता हैं।
उन्होंने कहा कि विगत वर्ष आचार संहिता के कारण दिसंबर माह में मेले का आयोजन नहीं किया जा सका, परंतु वन मेले की परंपरा को अनवरत रखने के उद्देश्य से इस बार जनवरी 2024 में मेले का आयोजन किया जा रहा है। प्रदेश के लगभग 1 लाख वर्ग किलो मीटर में फैले वन विभिन्न प्रकार की जनजाति समुदाय के लिए रोज़गार एवं जीवनयापन का स्रोत हैं। वनों में सन्निहित कई लघु वनोपज इन जनजाति समुदाय के लिए संपदा के समान हैं। यह कहना भी अतिशयोक्ति नहीं होगी कि वन तथा वनोपज जन जातीय समुदाय के अस्मिता का प्रतीक हैं। विश्व स्तर पर वृद्धि की और अग्रसर आयुर्वेद की लोकप्रियता का प्राचीनतम आधार हमारे वनों में पाई जाने वाली ओषधिय जड़ी बूटियाँ ही हैं। पिछले दशकों में राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर आयुर्वेदिक पद्धति से उपचार व जैविक एवं हर्बल उत्पादों के उपयोग में वृद्धि होने से वनोपज उत्पादों की मांग में भी वृद्धि हो रही है। प्रदेश के वनों में प्रचुर मात्रा गें उपलब्ध लघु वनोपज जड़ी-बूटियां पनवासियों एवं ग्रामीणों की आर्थिक उन्नति का प्रमुख साधन बन गई है।
उन्होंने कहा कि वन मेला एक ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा मध्यप्रदेश की अत्यंत समृद्ध जैव विविधता की झलक देखने को मिलती है। साथ ही वनोपज संग्राहकों के जीवन में हो रहे गुणवतापूर्ण सुधार व वनोपज आधारित प्रसंस्करण तकनीक एवं अनुसंधान, साथ ही व्यावसायिक आयाम की जानकारी भी आमजनो को प्राप्त होती है। प्रसंकरण की विभिन्न विधिया अपनाकर ग्रामीणों की आय में उत्तरोत्तर वृद्धि हो रही है। मेले में प्रदेश के वनवासियों एवं लघु वनोपज संग्राहकों की आजीविका में हुई गुणात्मक वृद्धि के लिये राज्य शासन की जन कल्याणकारी योजनाओं का अभिनय प्रयास भी देखने को मिलता है।
वन विभाग के एसीएस कंसोटिया ने बताया कि इस बार वन मेले की थीम लघु वनोपज से समृद्धि’ पर आधारित है। मेले के शुभारंभ समारोह की अध्यक्षता वन मंत्री नगर सिंह चौहान करेंगे। विशिष्ट अतिथि दिलीप अहिरवार, राज्य मंत्री वन, पर्यावरण मध्यप्रदेश शासन होंगे। इस मेले में विक्रय हेतु 120 स्टोल स्थापित किए जा रहे है जिसमें मध्यप्रदेश के 19 वनधन केंद्र एवं 55 जिला यूनियन के स्टोल मुख्य रूप से रहेगे, साथ ही उत्तरप्रदेश व छत्तीसगढ़ के हर्बल उत्पाद का भी प्रतिनिधित्व अपेक्षित है। फूड जोन में मध्य प्रदेश के पारंपरिक व्यंजनों के साथ साथ श्रीअन्त से निर्मित विभिन्न व्यंजनों के भी स्टॉल लगाए जाएगे।
मेले में विभिन्न शासकीय विभागों जैसे ईको टूरिज्म, जैव विविधता बोर्ड, बांस मिशन व वन्यप्राणी आदि की गतिविधियों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी।
चिकित्सा परामर्श मेले में परामर्श हेतु ओपीडी के 20 स्टॉल स्थापित किए जा रहे है, जिसमें 40 आयुर्वेदिक वैद्यों एवं चिकित्सकों द्वारा निशुल्क परामर्श भी प्रदान किया जाएगा ।
मेले में दिनांक 25 जनवरी को लघु वनोपज से समृद्धि विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा, जिसमें विभिन्न विषय प्रमुखों द्वारा आदिवासी संग्रहकर्ताओं और समिति प्रबन्धको को लघु वनोपज से निर्मित उत्पादों के मूल्य संवर्धन प्रसंस्करण, ब्रांडिंग और विपणन द्वारा जनजातीय उद्यमीकरण हेतु महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की जाएगी।
केता विक्रेता सम्मेलन : लघु वनोपज संग्राहकों, उत्पादकों एवं वनोपज समितियों को, जड़ी बूटियों, हर्बल उत्पाद तथा आयुर्वेदिक के व्यवसाय से जुड़े विभिन्न निर्माता, विभिन्न मंड़ियों के लघु वनोपज के व्यापारियों, उत्पाद प्रसंस्करण कर्ताओं के प्रतिनिधि के साथ एक मंच पर सीधे वार्तालाप एवं बाजार के अवसरों को खोजने के उद्देश्य से लघु वनोपज संघ के द्वारा दिनांक 27 जनवरी को क्रेता-विक्रेता सम्मलेन का आयोजन किया जाएगा।
11 सांस्कृतिक एवं रंगारंग कार्यक्रम वन मेले में सांस्कृतिक एवं रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाएगा, इसी के अंतर्गत विभिन्न विद्यालयों के छात्र- छात्राओं के द्वारा चित्रकला, इंस्ट्रुमेंटल म्यूजिक, सोलो और ग्रुप गायन, नृत्य (सोलो और ग्रुप), कैसी ड्रेस एवं अन्य प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। संध्या कार्यक्रम में विभिन्न म्यूज़िकल ग्रुप द्वारा अपनी प्रस्तुति भी दी जाएगी।
12 मेले का समापन समारोह दिनांक 28 जनवरी 2024 को सांय 5 बजे निर्धारित किया गया है।