भोपाल। 12 दिन चले विचार मंथन के बाद मध्य प्रदेश का मंत्रिमंडल तो गठित हो गया, लेकिन तीन दिन बाद भी मंत्री खाली हाथ हैं। उन्हें विभागों का आवंटन नहीं हो सका है। अब बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने सूची बनाकर दिल्ली भेज दी है। आलाकमान की हरी झंडी के बाद एक दो दिन में मंत्रियों को विभाग बांट दिए जाएंगे। भाजपा आलाकमान के लंबे मंथन के बाद जातीय और क्षेत्रीय समीकरण साधते हुए डॉ. मोहन यादव सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार तो कर दिया, लेकिन अब विभागों का इंतजार हो रहा है। मुख्यमंत्री, दो डिप्टी सीएम को 13 दिसंबर को शपथ दिलाई गई थी, उसके बाद 25 दिसंबर को 28 मंत्रियों ने शपथ ली थी। मंत्रियों के शपथ लेने के दूसरे दिन मुख्यमंत्री ने पहली कैबिनेट बैठक ली। इसमें सीएम ने सभी नए मंत्रियों के पसंदीदा कामकाज को लेकर सूची तैयार की है। जिसे दिल्ली आलाकमान को भेज दिया गया है।
राजेंद्र शुक्ला ने लिया नरोत्तम मिश्रा का चेंबर
मंत्रियों के नाम का एलान होने के बाद उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का चेंबर का आवंटन करा लिया है। पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का चैंबर वीबी-दो की तीसरी मंजिल पर स्थिति है। वहीं, मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने अपना पूर्व का चेंबर ही अपने पास आवंटित करा लिया है।
होगी बड़ी प्रशासनिक सर्जरी
सूत्रों का कहना है कि एक दो दिन में मंत्रियों को उनके विभाग का बंटवारा हो सकता है। इसके बाद प्रदेश में बड़े स्तर पर प्रशासनिक सर्जरी की बात कही जा रही है। अभी मुख्यमंत्री ने सिर्फ कुछ अधिकारियों को ट्रांसफर किया है। मुख्यमंत्री अब अपने अनुसार अधिकारियों की जमावट करेंगे।
नए मंत्रियों को बंगले देने कवायद
डॉ. मोहन सरकार के कई मंत्रियों को बड़े बंगले की जरूरत है। अभी कई पुराने मंत्री और चुनाव हारे मंत्रियों ने अपने बंगले खाली नहीं किए हैं। अब इन मंत्रियों से बंगले खाली कराना बड़ी चुनौती है। इसको लेकर गृह विभाग ने बड़े बंगलों की सूची बनाकर मुख्यमंत्री कार्यालय को भेज दी है। अभी उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला, उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, मंत्री तुलसी सिलावट, मंत्री विजय शाह, मंत्री गोविंद राजपूत, मंत्री विश्वास सारंग, मंत्री इंदर सिंह परमार, मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर और नए मंत्रियों में कृष्णा गौर के पास बंगला है।