भोपाल। चंबल क्षेत्र, भिंड विधानसभा सीट… 2018 चुनाव में उन 7 सीटों में से एक थी, जहां न बीजेपी जीती और न कांग्रेस. यहां से बसपा के संजीव सिंह (संजू) ने जीत हासिल की थी। इस बार भी भिंड की लड़ाई बेहद रोचक नजर आ रही है. इसकी वजह ये है कि यहां लगभग सभी पार्टियों ने दूसरे दलों से आए नेताओं को टिकट दे दिया है. यानी चुनाव मैदान में लगभग सभी उम्मीदवार पिछली बार वाले ही नजर आएंगे, लेकिन इस बार उनकी पार्टियां अलग होंगी।
पार्टी उम्मीदवार कहां से आए?
बीजेपी नरेंद्र सिंह सपा
कांग्रेस राकेश सिंह बीजेपी
सपा रविसेन बीजेपी
बसपा संजीव सिंह बीजेपी
कांग्रेस ने बीजेपी के हारे उम्मीदवार पर लगाया दांव
कांग्रेस ने इस बार पूर्व में मंत्री रहे राकेश सिंह चतुर्वेदी पर दांव लगाया है. राकेश सिंह 2018 में बीजेपी के टिकट से चुनाव लड़े थे और 33,211 वोटों के साथ दूसरे नंबर पर रहे थे. चुनाव हारने के बाद से ही चौधरी राकेश सिंह बीजेपी में साइडलाइन हो गए थे. चुनाव से पहले उन्होंने कांग्रेस में वापसी की. उन्होंने पार्टी ने भिंड से टिकट दिया है. वैसे राकेश सिंह चतुर्वेदी पुराने कांग्रेसी रहे हैं. वे दिग्विजय सिंह सरकार के समय कैबिनेट मंत्री थे. लेकिन 2018 के चुनाव में वे कांग्रेस से बागी हो गए थे और बीजेपी में शामिल हो गए थे. बीजेपी ने तब उनको भिंड से प्रत्याशी बनाया था लेकिन वे बसपा के संजीव कुशवाह से यह चुनाव हार गए थे।
बसपा विधायक बीजेपी में गए, टिकट न मिलने पर वापस लौटे
भिंड से 2018 में बसपा के टिकट से संजीव सिंह कुशवाह ने जीत हासिल की थी. उन्हें 69,107 वोट मिले थे. लेकिन बाद में वे बीजेपी में शामिल हो गए थे. लेकिन बीजेपी ने संजीव सिंह को टिकट नहीं दिया. इसके बाद संजीव सिंह ने BJP से इस्तीफा देकर बसपा सदस्यता ले ली. संजीव सिंह ने बीजेपी पर वादाखिलाफी का आरोप भी लगाया है. संजीव सिंह के लौटते ही बसपा ने अपना टिकट बदल दिया और फिर से संजीव सिंह को बसपा का प्रत्याशी बना दिया।
सपा ने बीजेपी से आए रविसेन जैन को दिया टिकट
सपा ने बीजेपी से आए रविसेन जैन को उम्मीदवार बनाया है. रविसेन जैन बीजेपी से उम्मीदवारी ठोक रहे थे. लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया, तो वे बीजेपी में शामिल हो गए।