भोपाल। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बीजेपी नेताओं से साफ कहा है कि रूठे फूफाओं की चिंता छोड़ें, दाना-पानी लेकर सपा-बसपा की मदद करें। यही हमें जीत का रास्ता दिखाएगा। शाह ग्वालियर देर से आए लेकिन उन्होंने चुनावी बैठक के समय में कोई कटौती नहीं की। चार घंटे तक उन्होंने एक-एक कर पूरी 34 विधानसभा क्षेत्रों की चुनावी तैयारियों पर चर्चा की। जीत के लिए उन्होंने चार सूत्र दिए।
MP के रण में जीत के लिए बताए चार सूत्र
रूठों पर ज्यादा ऊर्जा बर्बाद मत करो, जब माहौल बदलेगा वे चुपचाप आकर काम करने लगेंगे।
सपा-बसपा उम्मीदवारों की मदद करें। वे वोट काटेंगे तो जीत की राह आसान हो जाएगी।
मतदान के दिन सपरिवार वोट करें और चार परिचित परिवारों को भी करवाएं।
लाभार्थियों पर फोकस करें।
शाह ने एमपी में संभागीय बैठकें करने का निर्णय लिया था। सोमवार को इंदौर और ग्वालियर में उन्होंने बैठकें की। आखिरी बैठक ग्वालियर में थी। तय कार्यक्रम के अनुसार शाह को डेड़ बजे ग्वालियर पहुंचना था। ढाई बजे से होटल रेडिसन में ग्वालियर चंबल संभाग की बैठक लेनी थी और लगभग तीन घंटे व्यतीत करने थे, लेकिन शाह पांच बजे होटल पहुंचे और साढ़े नौ बजे यहां से एयरपोर्ट के लिए रवाना हुए। इस दौरान उन्होंने ग्वालियर चंबल संभाग की जिलेवार चुनाव तैयारियां जानी। उन्होंने जिला अध्यक्षों से इंटरव्यू के अंदाज में सवाल-जवाब शुरू किए तो कई अध्यक्ष हड़बड़ा गए।
उन्होंने भिंड के अध्यक्ष से पूछा कि पोलिंग बूथ स्तर पर मठ मंदिरों के प्रमुखों से भेंट, बाइक वाले पार्टी कार्यकर्ताओं की सूची बनाने और बूथ समितियों के गठन का काम पूरा हुआ कि नहीं? सवाल सुनकर अध्यक्ष हड़बड़ा गए, जिसके चलते ठीक से उत्तर नहीं दे पाए तो शाह ने पूछा- भाजपा में कब से आये हो? फिर बोले अभी आपको और अभ्यास वर्ग (प्रशिक्षण शिविर) में भाग लेने की जरूरत है।
सपा-बसपा के प्रत्याशी कांग्रेस के वोट काटेंगे
शाह ने अपने नेताओं से कहा कि वे मैदान में उतरे समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवारों की जमकर मदद करें, इन्हें दानापानी दें। इनके खड़े होने और इनकी ताकत बढ़ने से हमें फायदा होगा। ये ही प्रत्याशी कांग्रेस के वोट काटेंगे। गृहमंत्री ने अपने भाषण में सपा-बसपा प्रत्याशियों को दाना-पानी देकर मदद करने की बात अपने भाषण में कही, लेकिन जब उन्होंने जिला अध्यक्षों से वन-टू-वन किया तो अशोकनगर के जिला अध्यक्ष ने बताया कि श्रीमान उनके यहां सपा और बसपा के जो उम्मीदवार मैदान में हैं वे तो खुद ही बहुत पैसे वाले हैं? इस पर शाह ने मुस्कराते हुए कहा- राजनीति में जो लोग पैसे कमा लेते हैं वे कमाने के बाद फिर उसे खर्च नहीं करना चाहते हैं।
आप इसलिए इस चक्कर मे मत रहना कि पैसे वाले हैं इसलिए उनकी मदद न कि जाए।
रूठो को मनाए पर समय बर्बाद न करें
अमित शाह ने अपने नेताओं को साफ संदेश दिया कि वे टिकट न मिलने या अन्य कारणों से मौजूद रूठे फूफ़ाओं को मनाने पर ज्यादा ऊर्जा और समय बर्बाद न करें। उन्होंने कहा कि एक दो बार मनाने उनके घर जाएं। उन्हें समझाने का प्रयास करें।इसके बावजूद भी न मानें तो आप सब अपने-अपने काम में जुट जाएं। माहौल बदलने पर 10 नवम्बर के आसपास ये खुद काम करते हुए नजर आएंगे।
कांग्रेस की ताकत 30 से 35 फीसदी वोट
अगले दो दिन नाम वापसी के प्रयासों में लगाएं। जिसकी भी बात करानी हो करवाएं। उन्होंने कहाकि कांग्रेस की ताकत 30 से 35 फीसदी वोट ही हैं। इसे एक बार अपने साथ लेकर भाजपा के पक्ष में वोट डालने की आदत डालो। इसके लिए लाभार्थियों पर फोकस करो। यह काम आसानी से हो जाएगा।