भोपाल। इंदौर में नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन के नेतृत्व में युवाओं ने सोमवार को कलेक्टर कार्यालय का घेराव कर दिया। करीब 3 घंटे तक प्रदर्शन चला। इनकी मांग है कि पटवारी भर्ती परीक्षा के रिजल्ट को रोका जाए। साथ ही भर्ती परीक्षा को लेकर की गई जांच की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए।
प्रदर्शन में अलग-अलग भर्ती परीक्षाओं के कैंडिडेट्स शामिल हुए। दोपहर एक बजे ज्ञापन लेने आए संयुक्त कलेक्टर को कैंडिडेट्स ने नारेबाजी कर वापस भिजवा दिया। इनका कहना है कि ज्ञापन कलेक्टर आशीष सिंह को ही सौंपेंगे। बाद में कलेक्टर ने बातचीत के लिए यूनियन के नेताओं को बुलवाया। प्रदर्शन के दौरान मौके पर भारी पुलिस बल भी तैनात
रहा।
इससे पहले, प्रदर्शन में शामिल कैंडिडेट्स ने कहा कि ‘मध्यप्रदेश की राजधानी दिल्ली बताने वाले, महाकाल लोक को गुजरात का बताने वाले, जिनको ये पता नहीं कि मध्यप्रदेश में कितने जिले हैं? ऐसे फर्जी लोगों को नियुक्ति देकर मध्यप्रदेश को बर्बादी की ओर धकेला जा रहा है। प्रदर्शनकारियों ने मांग की है कि पटवारी परीक्षा भर्ती की नियुक्ति की प्रक्रिया आज ही रोककर एमपी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि मलिमठ के नेतृत्व में विशेषज्ञों की SIT गठित कर जांच की जाएं।
इन 13 मांगों को लेकर प्रदर्शन
• पटवारी परीक्षा रिजल्ट घोषित कर सरकार ने नियुक्ति देने का जो निर्णय लिया है उसे तत्काल रोका जाए।
• वर्मा जांच समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए।
• पटवारी परीक्षा घोटाले की मध्यप्रदेश के मुख्य न्यायाधीश की निगरानी में SIT का गठन कर नए सिरे से जांच की जाए।
• मप्र पुलिस सब इंस्पेक्टर के 2000 पदों पर भर्ती की जाए।
• ESB द्वारा आयोजित मंडी इंस्पेक्टर, लेबर, इंस्पेक्टर, महिला पर्यवेक्षक एवं अन्य परीक्षाओं के सभी रिक्त पद का कैलेंडर जारी कर भरे जाएं
• केंद्र सरकार द्वारा बनाये गए नकल विरोधी कानून को मध्यप्रदेश में तत्काल लागू किया जाए।
• ESB की परीक्षाएं प्रतिष्ठित कंपनी (TCS जैसी) द्वारा आयोजित की जाए।
• MP कॉन्स्टेबल और ESB द्वारा आयोजित सभी परीक्षाओं के रुके हुए परिणाम जारी करके नियुक्ति दी जाए।