भोपाल। मध्यप्रदेश में आगामी नवंबर माह में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इस चुनाव में अपनी जीत दर्ज करने के लिए जहां एक तरफ शिवराज सरकार लगातार योजनाओं की झड़ी लगा रही है, तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी को हर दिन झटके भी मिल रहे हैं. पिछले कुछ दिनों में बीजेपी के कई नेता या तो शिवराज सरकार को छोड़ कांग्रेस का दामन थाम चुके हैं या फिर पार्टी से जाने की तैयारी में हैं।
हाल ही में पार्टी के नौ कद्दावर नेताओं ने शिवराज सरकार का साथ छोड़ मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस में आने की इच्छा भी जताई थी. इन नेताओं को बीते शनिवार मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने पार्टी की सदस्यता भी दिलाई. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर राज्य में एक के बाद एक नेता कांग्रेस का दामन क्यों थाम रहे हैं?
क्यों बिखर रही है बीजेपी
1. भ्रष्टाचार का आरोप : मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव में भ्रष्टाचार एक बड़ा मुद्दा बनकर उभरा है. कांग्रेस पार्टी लगातार शिवराज सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रही है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने तो राजधानी दिल्ली में बन रहे मध्य प्रदेश भवन में भी भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाते हुए कहा है कि शिवराज सिंह चौहान का एक ही मंत्र है पैसा दो और काम लो।
कांग्रेस से प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने हाल ही में सोशल मीडिया पर ट्वीट करते हुए कहा, ‘शिवराज सिंह चौहान भ्रष्टाचार पर एक्शन नहीं करते, बल्कि हर एक्शन में भ्रष्टाचार करते हैं.मध्य प्रदेश का 50 प्रतिशत कमीशन राज हर रोज नए नजारे पेश कर रहा है. दिल्ली में बना नया मध्य प्रदेश भवन इसका ताजा उदाहरण है।
इसके अलावा बीजेपी से कांग्रेस में शामिल हुए नेताओं में एक वीरेन्द्र रघुवंशी ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करते ही शिवराज सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश को भ्रष्टाचार के बोल वाले सरकार की जरूरत नहीं है. मैं मध्यप्रदेश की साढ़े आठ करोड़ जनता से कहना चाहता हूं कि 1000-1000 रुपए की बातों में मत आ जाना. हमें बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार चाहिए, गेहूं-चावल के अच्छे दाम चाहिए।
2. पावर नहीं देने का आरोप:
कोलारस विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी ने हाल ही में अपने एक बयान में कहा था, ‘मैं पिछले तीन सालों से कोलारस का विधायक हूं और जब से सिंधिया जी के सहयोग से भारतीय जनता पार्टी ने सरकार बनाई है, तब से मुझे जनसेवा करने में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.’
ये एक एमएलए का बयान है। प्रदेश बीजेपी के दर्जनों एमएलए और संगठन के पदाधिकारी हैं जो पावर का रोना रो रहे हैं। अधिकारियों के आगे ये सब बौने हो साबित हो रहे हैं।
सबको साथ लेकर चलने की चुनौती
राज्य में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी के लिए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पूरे प्रदेश का “तूफानी दौरा” कर रहे हैं. पिछले कुछ दिनों में उन्होंने लगभग हर जिले में कोई न कोई बड़ी परियोजना की शुरुआत की हैं. लेकिन घर के अंदर चल रहा असंतोष फिलहाल उनके लिए परेशानी का सबब बना हुआ है।