भोपाल। प्रदेश कांग्रेस में अभी भी सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. तीन-चार दिन मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके बेटे नकुलनाथ के बीजेपी में जाने को लेकर जमकर चर्चा चली। खास बात ये रही कि राहुल गांधी ने न तो कमलनाथ से बात की और न ही इस संबंध में उच्च स्तर पर कोई चर्चा की। मीडिया में खबरें चलवाई गई कि राहुल से चर्चा ले बाद कमलनाथ ने अपना निर्णय बदला।
आग लगी थी, तभी धुआं भी निकला. कमलनाथ और उनके जाने की चर्चा के साथ ही उनके समर्थकों ने कांग्रेस पार्टी के खिलाफ जमकर बयानबाजी की थी. किसी ने कहा कि कमलनाथ ने पार्टी को जीवन दे दिया, मगर पार्टी ने उनको अपमानित किया. किसी ने कहा कि अगर कमलनाथ बीजेपी जाते हैं तो हम भी बीजेपी उनके साथ जॉइन करेंगे।इस बयानबाजी में सबसे आगे पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, पूर्व विधायक दीपक सक्सेना और कमलनाथ के मीडिया कॉर्डिनेटर सैयद जफर सबसे आगे थे.
मामला भले ही शांत हो गया हो, मगर कांग्रेस हाई कमान ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लिया है। प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी से कहा गया है कि इस बयानबाजी को अनुशासनहीनता में लिया जाए। सही मायने में राहुल गांधी इस एपिसोड से गुस्से में बताए जाते हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने दी चेतावनी
जीतु पटवारी ने कहा कि इस मामले को लेकर कांग्रेस पार्टी गंभीर है.अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
हालांकि बीजेपी जीतु पटवारी की इस बात का मजाक ही उड़ा रही है. जीतु पटवारी के ही सामने चुनाव लड़ने वाले बीजेपी नेता जीतु जिराती का कहना है कि अगर वाकई ऐसा जीतु पटवारी कह रहे हैं तो ये बड़ी बात है. कमलनाथ थोड़ा सा इधर-उधर हुए और कांग्रेस की हालत खराब हो गई. जीतु पटवारी उनका बाल भी नहीं बांका कर सकते. उनके समर्थकों पर कार्रवाई तो छोड़ दीजिए।
कांग्रेस नेताओं की बयानबाजी से विवाद
हालांकि अब भी कमलनाथ समर्थकों के सुर नहीं बदले है. राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा की बैठक में शामिल होने पहुंचे सज्जन वर्मा से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा छिंदवाड़ा के विधायकों की दुनिया ही अलग है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतु पटवारी भले ही कह चुके हैं कि अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं होगी, मगर ये देखना भी दिलचस्प होगा कि कमलनाथ समर्थकों पर कार्रवाई होती है या नहीं.