भोपाल। मध्यप्रदेश कैबिनेट मीटिंग में तय हुआ है कि प्रदेश के हर ऐसे जिले, जहां मेडिकल कॉलेज नहीं हैं, वहां इन्हें PPP (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड पर बनाया जाएगा। इसके लिए जिला अस्पतालों को मेडिकल कॉलेज में अपग्रेड किया जाएगा। काम प्राइवेट एजेंसी को दिया जाएगा। इसमें 75% बेड गरीबों के लिए रिजर्व होंगे।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि पीपीपी मोड वाले अस्पतालों में प्राइवेट एजेंसी 25% बेड इस्तेमाल कर सकेगी।’ बैठक में यह भी तय हुआ कि आगे से ग्रामीण पंचायत विभाग में तैनात सचिवों के परिवार के सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति दी जाएगी। जिले के बाहर भी तबादले हो सकेंगे।
स्मार्ट सिटी 2.0 योजना को भी स्वीकृति
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि भारत सरकार ने स्मार्ट सिटी 2.0 योजना की शुरुआत की है। योजना के तहत 100 स्मार्ट शहरों में से 18 शहरों का चयन किया जाएगा। इन शहरों को लगभग 135 करोड़ की राशि दी जाएगी। इसमें 50% राज्य शासन का समावेश भी होगा। आज मंत्रिमंडल की बैठक में इस योजना को भी स्वीकृति प्रदान की गई है।
कैबिनेट के अन्य फैसले
• 2000 प्रोफेसर PhD कराने के लिए अधिकृत होंगे। इनमें आगे कुलगुरु बनने की योग्यता भी बन जाएगी।
• सिंचाई और PWD विभाग की पुरानी योजनाओं के काम पूरा करने के लिए बजट स्वीकृत किया गया। 2000 से ज्यादा गांव में लाभ मिलेगा।
• डायल 100 की संचालन कंपनी की 6 माह की सीमा बढ़ाई।
• न्यायिक अधिकारियों के प्रशिक्षण के लिए ग्राम मंगेली बरेला बायपास रोड (जबलपुर) में भवन निर्माण किया जाएगा। लागत 485.84 करोड़ रुपए है।
• उज्जैन और जावरा के बीच 4 लेन ग्रीनफील्ड एक्सेस कंट्रोल्ड हाईवे का निर्माण होगा। इसके लिए 5000 करोड़ का बजट रखा गया।