ग्वालियर। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले दल-बदल का दौर तेज हो गया है। टिकट ना मिलने से नाराज नेता दल बदल कर अपनी पार्टी का खेल बिगाडऩे में लगे हुए है। इसी कड़ी में ग्वालियर अंचल में भाजपा को बड़ा झटका लगा है। पूर्व विधायक बृजेंद्र तिवारी ने अपने 5 हजार से ज्यादा कार्यकर्ताओं के साथ गुरुवार को कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। साथ ही पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य के चाचा ने भी कांग्रेस का दामन थामा है। लाल सिंह के चाचा गोहद के वरिष्ठ बीजेपी नेता नारायण सिंह है, जो अब कांग्रेसी हो गए है,दोनो को पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह औऱ नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह ने कांग्रेस की सदस्यता दिलाई है।
बता दें कि बृजेंद्र तिवारी भितरवार क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के 2003 में विधायक रहे हैं। लेकिन 2008 में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरने पर बृजेन्द्र तिवारी को भाजपा ने निष्काषित कर दिया था। बृजेन्द्र तिवारी अंचल में बड़े ब्राह्मण चेहरे के रूप में जाने जाते है। वे इस बार फिर भितरवार से टिकट की मांग कर रहे थे। भाजपा बृजेन्द्र तिवारी को घर वापसी कराने में जुटी हुई थी, लेकिन जब भाजपा ने भितरवार से सिंधिया समर्थक मोहन सिंह राठौड़ को टिकट दे दिया तो उसके बाद से वे नाराज चल रहे थे, साथ ही वह इस बात को ब्राहम्ण समाज की बैठक में भी उठा चुके थे। आखिरकार तिवारी ने अपनी नाराजगी कॉंग्रेस पार्टी जॉइन कर दर्ज कराई है।
वही बृजेन्द्र तिवारी ने कॉंग्रेस में शामिल होने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि मंै भाजपा को छोड़ कांग्रेस में शामिल नही हुआ हूँ, मैं भाजपा की नीतियों के खिलाफ लडऩे देश की मजबूत पार्टी में शामिल हुआ हूँ, इसके जरिये भाजपा को सबक भी सिखाया है औऱ कॉंग्रेस को मजबूती भी दी है। काँग्रेस को साफ कहा है कि यदि उनके कार्यकर्ताओ के साथ सौतले व्यवहार हुआ तो काँग्रेस में भी उन्हें अपने लोगो के लिए संघर्ष करने से कोई रोक नही सकेगा।