भोपाल। राज्यसभा चुनाव का ऐलान होते ही प्रदेश में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। संख्या के आधार पर बीजेपी यहां तीन सीटें निकाल सकती है, जबकि कांग्रेस को स्पष्ट तौर पर एक सीट मिल रही है। कांग्रेस की एकमात्र सीट पर प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी की दावेदारी पक्की मानी जा रही है। हालांकि उनके अलावा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव का नाम भी चर्चाओं में है।
प्रदेश की खाली हो रही पांच सीटों के लिए अप्रैल 2018 में मतदान हुआ था। उस समय भी भाजपा ही बहुमत में थी। भाजपा से अजय प्रताप सिंह, कैलाश सोनी, धर्मेंद्र प्रधान और थावरचंद्र गेहलोत चुने गए। एक सीट पर कांग्रेस के राजमणि पटेल चुने गए। सितंबर 2021 में थावरचंद गेहलोत के त्यागपत्र देने से रिक्त सीट पर भाजपा के ही डॉ. एल मुरूगन चुन लिए गए। इन सभी का कार्यकाल दो अप्रैल को समाप्त हो रहा है। जिसके लिए आयोग 27 फरवरी को चुनाव कराएंगा।
बीजेपी से फिर होंगे बाहर के उम्मीदवार
बीजेपी से राज्यसभा जाने वालों में धर्मेंद्र प्रधान फिर शामिल हो सकते है। हालांकि पार्टी उन्हें लोकसभा चुनाव लड़ाने पर विचार कर रही है। माना जा रहा है कि यदि प्रधान नही लड़ते तो कोई एक प्रत्याशी तो कम से कम राज्य से बाहर का होगा। इसके साथ ही अन्य दो सीटों पर भाजपा विधानसभा चुनाव में पराजित या फिर नाराज नेताओं को भी मौका दे सकती है। साथ ही एक या दो सीटों पर नया चेहरा सामने ला सकती है। इसके पहले भी पार्टी ने ऐसे ही चेहरे राज्यसभा में भेजे हैं। बड़वानी के एक कालेज में प्राध्यापक सुमेर सिंह सोलंकी और इससे पहले संपतिया उइके को राज्यसभा में भेजा था। भाजपा राज्यसभा के कुछ सदस्यों को लोकसभा चुनाव लड़ाने की तैयारी कर रही है। इसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया का भी नाम चल रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए भी उम्मीदवार चुना जाएगा।