नई दिल्ली। राष्ट्रीय लोक दल के नेता जयंत चौधरी को गठबंधन में शामिल कर भाजपा ने जाट बेल्ट में बड़ा सियासी संदेश देने की कोशिश की। मगर अब हरियाणा के बड़े जाट नेता चौधरी बीरेंद्र सिंह ने बड़ा सियासी दांव चल दिया है। रविवार को चुनाव समिति की बैठक से ठीक पहले उनके बेटे ने भाजपा को अलविदा कह दिया। बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह हिसार से सांसद है और पूर्व आईएएस अधिकारी भी रह चुके हैं। आज वह कांग्रेस में शामिल हो गए।
लोकसभा चुनाव और हरियाणा विधानसभा से पहले बीरेंद्र सिंह परिवार की भाजपा से दूरी एक बड़ा झटका है। सियासी जानकारों के मुताबिक भाजपा हिसार से बृजेंद्र सिंह का टिकट काट सकती थी। टिकट का एलान होने से पहले ही उन्होंने पार्टी को अलविदा कह दिया।
बृजेंद्र सिंह के पिता बीरेंद्र सिंह 1977 में कांग्रेस के टिकट पर उचाना कलां से चुनाव लड़े थे और बड़े अंतर से जीत हासिल की थी। इसके बाद वह 1982 में फिर विधायक बने और प्रदेश में सहकारिता और डेयरी विकास मंत्री बने थे। 1984 में उन्होंने हिसार लोकसभा सीट से ओमप्रकाश चौटाला को हराया था। 1991 में वह फिर से विधायक बने और राजस्व व योजना मंत्री बने। अपने पांचवें कार्यकाल में वह 2005 में विधायक बने थे। उन्होंने वित्त, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय संभाला था।