नई दिल्ली। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने भारतीय रेल वित्त निगम (आईआरसी) के पूर्व अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अमिताभ बनर्जी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। एजेंसी ने उन पर सोने के सिक्कों जैसे उपहारों के वितरण के लिए अत्यधिक कीमतों पर खरीदने का आरोप लगाया है।
अधिकारियों ने बताया कि मुख्य प्रबंध निदेशक (सीएमडी) के रूप में पदोन्नत होने से पहले बनर्जी 2019 में पीएसयू के प्रबंध निदेशक बने थे। पिछले साल कथित वित्तीय कदाचार और पद के दुरुपयोग के लिए उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की मंजूरी के बाद इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी। अधिकारियों ने बताया कि जांच शुरू हुई तो रेलवे सतर्कता को भारतीय रेल वित्त निगम (आईआरएफसी) द्वारा अपने धन का इस्तेमाल करके सोने के सिक्कों और गैर-सोने की वस्तुओं की खरीद और वितरण में कथित अनियमितताओं की जानकारी मिली।
अधिकारियों ने बताया कि जांच तब शुरू हुई जब रेलवे सतर्कता (विजिलेंस) को भारतीय रेल वित्त निगम (आईआरएफसी) द्वारा अपने धन का उपयोग करके सोने के सिक्कों और गैर-सोने की वस्तुओं की खरीद और वितरण में कथित अनियमितताओं के बारे में जानकारी मिली।
इसने दो फाइलों की जांच की और सोने के सिक्कों व अन्य उपहारों की खरीद व विवरण में शामिल लोगों के बयान दर्ज किए। अधिकारियों ने कहा, तमाम प्रयासों के बावजूद तत्कालीन सीएमडी अमिताभ बनर्जी के नेतृत्व में आईआरएफसी के अधिकारियों ने इन सोने और गैर-सोने के उपहारों के लाभार्थियों की सूची उपलब्ध नहीं कराई। आईआरएफसी अधिकारियों ने ऐसी महंगी वस्तुओं की खरीद और वितरण के लिए कोई एसओपी या निर्धारित प्रक्रिया प्रदान नहीं की।
आईआरएफसी ने कहा कि कथित घोटाले की गंभीरता का पता नहीं चला है क्योंकि सतर्कता विभाग ने केवल दो फाइलों की जांच की है और इस तरह की और खरीद की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। बयान में कहा गया, ‘जांच के दौरान बनर्जी ने कहा कि ऐसी कोई सूची नहीं रखी जाती है और कोई भी पदक कार्यकारी निदेशकों को वितरित नहीं किया गया है।’ हालांकि यह आईआरएफसी के अन्य अधिकारियों के बयान के विपरीत है जिन्होंने कहा था कि आईआरएफसी के दो स्वतंत्र निदेशकों को कुछ चीजें दी गई थीं।