भोपाल। चांचौड़ा से पूर्व विधायक ममता मीना ने भाजपा नेतृत्व पर बड़ा हमला बोला है। कुम्भराज में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि यह अब अटल-आडवाणी वाली भाजपा नहीं रही। राजमाता, कुशाभाऊ ठाकरे वाली भाजपा नहीं रही। इस नई भाजपा ने पुराने कार्यकर्ताओं को दूध में से मक्खी की तरह निकालकर फेंक दिया। मुख्यमंत्री और संगठन मंत्री ने कहा था कि तुन्हें विधानसभा का चुनाव लड़ना है, इसलिए जिला पंचायत अध्यक्ष पर दावेदारी मत करो। अब भाजपा ने पैराशूट प्रत्याशी को टिकट दे दिया है। आप सब कार्यकर्ताओं को इस अन्याय का बदला लेना है।
बता दें कि पूर्व विधायक ममता मीना चांचौड़ा विधानसभा से टिकट के लिए दावेदारी कर रहीं थी। भाजपा ने यहां से प्रियंका मीना(पेंची) को टिकट दिया है। इसके बाद से ही ममता मीना ने बगावत कर दी। उन्होंने मांग की है कि पार्टी टिकट पर एकबार पुनर्विचार करे। भाजपा के किसी भी मूल कार्यकर्ता को टिकट दे दे। उन्होंने भोपाल में जाकर प्रदेश अध्यक्ष के सामने भी आपत्ति दर्ज कराई। सूत्रों के अनुसार वहां से भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी। वहीं संगठन मंत्री और मुख्यमंत्री ने तो उन्हें मिलने का समय ही नहीं दिया।
मुख्यमंत्री और संगठन मंत्री ने दिया था आश्वासन
कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए ममता मीना ने कहा कि “वरिष्ठ नेतृत्व ने जैसे जिला पंचायत चुनाव में कहा था, वैसे ही कह देते की ममता तुम आराम करो। मुझसे पूछ लिया होता, तो कोई भी भारतीय जनता पार्टी के पुराने कार्यकर्ता का नाम मैं बताती। क्योंकि, जिनकी तीन-तीन पीढियां खप गईं भारतीय जनता पार्टी में, उनमें से ही किसी को उम्मीदवार बना देते।
जिला पंचायत सदस्य का चुनाव मैं और SP साहब(रघुवीर मीना) जीते। उसके बाद मुख्यमंत्री और संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा से मिलने गए। उन्होंने कहा कि तुम्हे विधानसभा का चुनाव लड़ना है, तो तुम्हे जिला पंचायत का चुनाव छोड़ना पड़ेगा। जिला पंचायत का चुनाव तुम्हे नहीं लड़ना।
मेरे साथ हुए अन्याय का बदला लें आप
ममता मीना ने कहा कि “चांचौड़ा विधानसभा में जो अन्याय हुआ है वो कहीं भी नहीं हुआ। सबसे हाथ जोड़कर कहना चाहती हूं कि इस अन्याय का बदला आप सब को लेना है। मेरे साथ जो धोखा हुआ है, मेरे साथ जो छल हुआ है, उसका आप बदल लें। मधुसूदनगढ़ नगर परिषद में बहुमत नहीं था, उसके बाद भी अध्यक्ष/उपाध्यक्ष बना कर लायी हूँ। कुम्भराज में बहुमत नहीं होने के बाद भी नगर पंचायत अध्यक्ष/उपाध्यक्ष बनाकर लायी। बहुमत नहीं होने के बाद भी जनपद अध्यक्ष/उपाध्यक्ष बनाकर लायी। चेलेंज देकर बनाकर लायी।”