भोपाल। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू करने के पहले भारत निर्वाचन आयोग ने मध्यप्रदेश समेत अन्य राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर ट्रांसफर पालिसी पर अमल के मामले में अंतिम रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने सभी राज्यों की सरकारों से कहा है कि चुनाव से सीधा संबंध रखने वाले अधिकारी अपने गृह जिले मेंं पदस्थ नहीं होने चाहिए। इसके अलावा तीन साल से एक ही जिले या एक लोकसभा क्षेत्र की सीमा में भी ऐसे अफसरों की पदस्थापना नहीं होना चाहिए।
आयोग ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर कहा है कि ऐसे अधिकारियों के मामले में चुनाव आयोग की जीरो टालरेंस पालिसी है जिसका पालन सरकार को करना है। आयोग ने कहा है कि इसको लेकर दो बार सरकारों को समय सीमा तय कर इसके दायरे में आने वाले अफसरों को हटाने के लिए कहा गया है। राज्य सरकारों द्वारा पदस्थ किए गए अफसरों को चुनाव आचार संहिता के दौरान डिस्टर्ब नही किया जा सकता है। चुनाव आयोग ने पहले इसके लिए 31 जनवरी की समय सीमा तय की थी। बाद में एमपी समेत पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव और यहां होने वाले मतदाता सूची के काम में अतिरिक्त समय को देखते हुए 8 से 15 फरवरी तक की अतिरिक्त समय सीमा तय की गई थी। इस मामले में जीएडी के अफसरों का कहना है कि एमपी में ज्यादा बदलाव की स्थिति नहीं थी। इसिलए चुनाव आयोग को इससे संबंधित सर्टिफिकेट भी 16 फरवरी को भेज दिया गया है।