भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री श्री दिग्विजय सिंह जी ने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी को भोपाल जिले के बैरागढ़ (संत हिरदाराम नगर) में लाऊखेड़ी पंप हाउस से विसर्जन घाट तक बनाए जा रहे एलिवेटेड ब्रिज के कार्य को रोके जाने को लेकर लिखा पत्र। पूर्व सीएम ने इस संबंध में संत हिरदाराम नगर के व्यवसायियों की मांगों का समर्थन किया है।
: प्रिय श्री शिवराज सिंह चौहान जी,
भोपाल जिले के बैरागढ़ (संत हिरदाराम नगर) के स्थानीय रहवासियों के प्रतिनिधिमंडल द्वारा मुझसे भेंट कर लाउखेड़ी पंप हाउस से विसर्जन घाट तक बन रहे एलिवेटेड ब्रिज के कार्य को रोके जाने का निवेदन किया है। इस संबंध में मेरे द्वारा माननीय मंत्री, भारत सरकार, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, नई दिल्ली को भी पत्र प्रेषित किया गया था, जिस पर उनके द्वारा की गई कार्यवाही से भी अवगत कराया गया है। जो पत्र के साथ संलग्न है। आपको भी पूर्व में इस संबंध में पत्र प्रेषित किया गया था जिसकी छायाप्रति पत्र के साथ संलग्न है।
स्थानीय निवासियों एवं व्यापारियों का कहना है कि इस ब्रिज के बनने से न केवल संत नगर का व्यवसाय चौपट हो जाएगा वरन यहा के रहवासी एवं रोजगार पाने वाले लोगों की रोजी रोटी पर भी विपरीत प्रभाव पड़ेगा। व्यापारियों ने मुझे यह भी बताया है कि इस एलिवेटेड ब्रिज के निर्माण हेतु निविदाएं जारी की जा चुकी है तथा 31 अगस्त 2023 तक इस पर निर्णय लिया जाना है। उल्लेखनीय है कि संतनगर से गुजरने वाले भोपाल इन्दौर रोड की वर्तमान चौड़ाई 20 से 22 मीटर है जबकि प्रस्तावित ऐलिवेटेड ब्रिज, सर्विस रोड सहित 44 मीटर का बनना प्रस्तावित है। जिससे बड़ी संख्या में दुकाने और रिहायशी मकान तोड़ने की स्थिति बनेगी।
आप यह भलीभांति जानते है कि संत हिरदाराम नगर में अधिकांश व्यापारी सिंधी समाज के है। जिन्हे आजादी के बाद बैरागढ़ में पट्टे दिये जाकर तत्कालीन कांग्रेस सरकार के समय बसाया गया था। विस्थापन का दर्ज भोगने वाले हजारों सिंधी व्यापारियों ने विगत साठ-सात्तर साल में बैरागढ़ को राजधानी का प्रमुख व्यापारिक केन्द्र बनाया है। यहां का कपड़ा और बर्तन व्यापार आधे मध्यप्रदेश में अपनी पहचान बना चुका है। यहां के व्यापारी केन्द्र और राज्य शासन को भी हजारों करोड़ रूपये प्रतिवर्ष टेक्स के रूप में दे रहे है।
संत हिरदाराम नगर बैरागढ़ से सीहोर इंदौर की और बनने वाले एलिवेटेड ब्रिज की चौड़ाई के दायरे में सैकड़ों दुकाने आयेगी। व्यवसायिक प्रतिष्ठान और रहवासी मकान टूटेंगे और यहां का व्यापार भी प्रभावित होगा। बाजार की साख कम होगी। जिससे व्यापारियों के वाणिज्यक हितों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। उन्हे फिर नये सिरे से बाजार खड़ा करने में वर्षो और कई पीढ़ियां लग जायेगी।
मेरी मांग है कि इस ब्रिज निर्माण की प्रचलित कार्यवाही को तुरंत रोके जाने के निर्देश देते हुए स्थानीय रहवासियों एवं व्यवसायियों के साथ सामन्जस्य और वार्तालाप करके ही आगामी कार्यवाही कराया जाना सुनिश्चित करे। मेरा यह भी सुझाव है कि 1.) इस ब्रिज को शहर के बीचों-बीच से बनाने के स्थान पर वैकल्पिक मार्ग पर विचार होना चाहिये और यह मार्ग बड़े तालाब के किनारे से होते हुए विसर्जन घाट अथवा चिरायु अस्पताल तक बनाया जा सकता है। 2.) एक विकल्प यह भी हो सकता है कि वी.आई.पी रोड से मैरिज गार्डनों के पीछे यानि तालाब किनारे होते हुए चिरायु अस्पताल तक ले जाया जा सकता है। 3.) मंडीदीप से मिसरोद कोलार होकर नीलबढ़ तक बनने वाले रिंग रोड को मुगालिया होकर खजूरी सड़क तक बनाया जा सकता है। सारांश यह है कि जो भी कार्यवाही हो वह संत हिरदाराम नगर के रहवासियों एवं नगर के व्यापारियों को बचाते हुए हो और उनसे खुले विचार विमर्श उपरांत ही की जाना उचित होगा। मै व्यापारियों की इस मांग का खुला समर्थन व्यक्त करता हूँ। उनके संघर्ष में साथ हूँ।
सहयोग के लिए मैं आपका आभारी रहूँगा।