Sunday, 4 May

जयपुर
प्रदेश के सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ की अध्यक्षता में योजना भवन में शनिवार को आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में साइबर सिक्योरिटी को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए व्यापक रणनीति पर चर्चा की गई। बैठक में तकनीकी उन्नति, मानव संसाधन और प्रक्रियाओं के विकास पर चर्चा की गई।

पीपल, प्रोसेस, टेक्नोलॉजी का त्रि-आयामी दृष्टिकोण
आईटी मंत्री कर्नल राठौड़ ने बैठक में साइबर सिक्योरिटी के लिए समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि साइबर सिक्योरिटी केवल सॉफ्टवेयर या हार्डवेयर तैयार करने तक सीमित नहीं है। इसके लिए तीन प्रमुख तत्वों—पीपल (लोग), प्रोसेस (प्रक्रियाएं) और टेक्नोलॉजी (प्रौद्योगिकी) का समन्वय जरूरी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि केवल तकनीक पर निर्भर रहना पर्याप्त नहीं है। इसके लिए स्वदेशी तकनीक को बढ़ावा देना होगा ताकि विदेशी निर्भरता कम हो।

प्रशिक्षित कार्मिक: साइबर सिक्योरिटी की रीढ़
कर्नल राठौड़ ने बैठक में मानव संसाधन के विकास पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि साइबर सिक्योरिटी से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों की दक्षता बढ़ाने के लिए संरचित और असंरचित प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि हर दिन प्रशिक्षण, जागरूकता का विस्तार और ग्रूमिंग होनी चाहिए। इसके लिए पर्याप्त बजट प्रावधान भी किए जाएंगे, जिससे सर्टिफाइड ट्रेनिंग प्रोग्राम्स के माध्यम से कर्मचारियों की क्षमता को और निखारा जा सके। इससे न केवल कर्मचारियों की तकनीकी दक्षता बढ़ेगी, बल्कि उनकी पेशेवर मूल्यवृद्धि भी होगी। साथ ही कार्य संस्कृति में सुधार होगा, जो दीर्घकालिक रूप से विभाग की कार्यक्षमता को बढ़ाएगा।

राजस्थान का विजन: देश में सर्वश्रेष्ठ होगा आईटी विभाग
आईटी मंत्री कर्नल राठौड़ ने राजस्थान के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग को देश का सर्वश्रेष्ठ बनाने का संकल्प दोहराया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नया भारत, मजबूत भारत है। हम नई सोच और दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ आगे बढ़ रहे हैं। हमारा लक्ष्य है कि राजस्थान का आईटी विभाग राष्ट्रीय स्तर पर एक मिसाल बने। इस दिशा में विभाग ने एक निश्चित समयावधि में अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने की योजना बनाई है। कर्नल राठौड़ ने भामाशाह डेटा सेंटर का उदाहरण देते हुए कहा कि यह वर्तमान में देश के अन्य राज्यों की तुलना में कहीं अधिक सुरक्षित और उन्नत है। यह डेटा सेंटर न केवल तकनीकी रूप से सक्षम है, बल्कि साइबर खतरों से डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करने में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

बैठक में प्रतिष्ठित साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ और पूर्व सैन्य अधिकारी कर्नल निधीश भटनागर ने साइबर सिक्योरिटी के संबंध में प्रजेंटेशन के माध्यम से अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में साइबर अपराधी हर दिन चालाक बनते जा रहे हैं। ऐसे में आईटी प्रोफेशन से जुड़े हर व्यक्ति को भी हर दिन अपडेट और सतर्क रहने की आवश्यकता है। बैठक में सूचना प्रौद्योगिकी और संचार विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ ही, ऊर्जा, जयपुर विकास प्राधिकरण, सहकारिता, भूजल संसाधन, परिवहन, आबकारी विभागों के अलावा आरजीएचएस और आईएफएमएस परियोजना आदि से जुड़े विभिन्न अधिकारीगण उपस्थित थे।


Source : Agency

Share.
Exit mobile version