नई दिल्ली। सीबीआई की टीम ने बागपत के हिसावदा गांव में पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक की पुश्तैनी हवेली में छापा मारने के साथ वहां सभी के बयान को लेकर पूरी रिपोर्ट तैयार की। उस रिपोर्ट में सीबीआई टीम ने लिखा है कि हवेली में छानबीन के दौरान कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला है और इसलिए वहां से कोई भी चीज जब्त नहीं की गई है। वह रिपोर्ट उनके चचेरे भाई सतबीर को भी सौंपी गई है।
सीबीआई की टीम में इंस्पेक्टर ऋषभराज के साथ ही इंस्पेक्टर नितिन खत्री, एसआई नवीन कुमार, कांस्टेबल अमित कुमार, वीरेंद्र कुमार, नोएडा से बैंक ऑफ महाराष्ट्र के मैनेजर करण कुमार, राजनगर गाजियाबाद के यूबीआई के मैनेजर रविंद्र सिंह के अलावा स्थानीय पुलिस के एसआई सुरेंद्र सिंह, रमा वर्मा, विशाल पंवार थे। सीबीआई की टीम ने रिपोर्ट में लिखा है कि सतबीर मलिक ने अपनी तलाशी कराने से इंकार कर दिया।
उन्होंने सत्यपाल मलिक के परिवार का कोई भी व्यक्ति यहां नहीं रहने की बात कही और यहां केवल एक पुश्तैनी हवेली बताई गई। उस पुश्तैनी हवेली में स्वर्गीय सत्यवीर सिंह, स्वर्गीय जगदीश सिंह, स्वर्गीय विजेंद्र सिंह, स्वर्गीय बुद्ध सिंह के हिस्से थे। इनमें से बुद्ध सिंह का हिस्सा उनके बेटे सत्यपाल मलिक के पास चार कमरे के रूप में मिले हैं। उन चार कमरों की तलाशी शुरू की गई, जिसमें दो कमरे भूतल और दो प्रथम तल पर थे। वह कमरे खाली मिले और उन चारों कमरों में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला। इसलिए वहां से कुछ जब्त नहीं किया गया।
सीबीआई ने परिवार में चचेरे भाई सतबीर मलिक उर्फ हिटलर से पूछा कि सत्यपाल मलिक की कितनी संपत्ति है। वह कहां-कहां है, उनकी सभी संपत्ति दिखाओ। जिस पर उन्होंने जवाब दिया कि उनकी केवल पुश्तैनी हवेली में चार कमरे हैं। परिवार के चाचा बिजेंद्र मलिक से पूछा कि सतपाल मलिक के कौन-कौन से कमरे हैं। जिनकी छानबीन की गई।
सतपाल मलिक के परिवार के भतीजे मनीष से सीबीआई ने पूछा कि परिवार में कौन-कौन हैं। वह यहां कब कब आते हैं और गांव में अन्य जमीन भी है क्या। इस पुश्तैनी हवेली में चार कमरों के अलावा कभी कुछ रहा है या नहीं। जिसके बाद मनीष ने फोन पर सत्यपाल मलिक से बात की तो उन्होंने कहा कि टीम को सभी कमरे खोलकर दिखा दिए जाएं। इसके बाद सभी कमरों के ताले खोलकर दिखा दिए।