लगभग 600 किस्म के समुद्री जीव ऐसे हैं, जिनके शरीर से प्रकाश पैदा होता है. इनसे पैदा होने वाले प्रकाश को जैविक-संदीप्ति (Bio- Luminescence) कहते हैं. संदीप्ति पैदा करने वाले समुद्री जीवों में मुख्यतः प्रोटोजोआ कोइलेट्रेट्स, पोलीकेक्ट्स, मौलस्क्स, क्रुस्टासींस तथा मछलियों के समूह आते हैं. समुद्रों में पाए जाने वाले बहुत से बैक्टीरिया, जैली फिश (Jelly Fish) स्पोजेंज (Sponges), मक्खियां और केंचुए भी प्रकाश पैदा करते हैं.
विभिन्न समुद्री जीव प्रकाश कैसे पैदा करते हैं?
मछलियों तथा दूसरे समुद्री जीवों के गहन अध्ययन से पता चला है कि इन जंतुओं में प्रकाश का उत्सर्जन जटिल रासायनिक क्रियाओं के फलस्वरूप होता है. इन जीवों से पैदा होने वाला प्रकाश दो क्रियाओं का परिणाम है. ये क्रियाएं हैं: 1. अंतः कोशिकीय तथा 2. बाह्य कोशिकीय.
जिन जंतुओं में अंतः कोशिकीय क्रियाओं के फलस्वरूप प्रकाश पैदा होता है, उनमें कुछ संदीप्ति-ग्रंथियां होती हैं. तथा जिन जीवों में बाह्य कोशिकीय क्रियाओं के परिणामस्वरूप प्रकाश पैदा होता है, उनके शरीर में ल्यूसीफेरिन और ल्यूसीफेरेज नाम के दो पदार्थ होते हैं. इन दोंनों पदार्थों की पारस्परिक क्रिया द्वारा ही प्रकाश पैदा होता है,
अंतः कोशिकीय क्रियाओं के परिणामस्वरूप पैदा होने वाले प्रकाश स्पंदों की अवधि एक सेकेंड के अंश से लेकर कई मिनट तक होती है. विभिन्न जीवों में प्रकाश पैदा करने वाले ये अंग त्वचा या पेट के किसी हिस्से में स्थित होते हैं. प्रकाश केवल उन्हीं हिस्सों से पैदा होता है, जिन हिस्सों में प्रकाश पैदा करने वाले ये अंग होते हैं.
लैटर्न फिश तथा एंगलर फिश प्रकाश पैदा करने वाले दो जाने-पहचाने समुद्री जीव हैं. एंगलर फिश में प्रकाश पैदा करने वाले अंग उसके मुंह में होते हैं. लॅटर्न फिश द्वारा प्रकाश एक विशेष पैटर्न में पैदा होता है.
समुद्री जीवों द्वारा पैदा होने वाले प्रकाश के आधार पर प्रकाश सेंसरों द्वारा समुद्र में हम इन जीवों के भंडारों का पता लगा सकते हैं. पिछले दो दशकों में इस पद्धति को प्रयोग में लाकर मछलियों के भंडारों का पता लगाने में असाधारण उन्नति हुई है.