बहुत से बीजों में पर्याप्त मात्रा में पर्याप्त मात्रा में तेल होता है. इनसे तेल निकालना व्यापारिक दृष्टि से से काफी लाभदायक होता है. विश्व में जिन बीजों से सबसे ज्यादा तेल निकाला जाता है वह है सोयाबीन, मूंगफली, पाम, बिनौला, जैतून और नारियल। खाने के तेल सरसों, तिल, तोरी के बीज, अलसी और सूरजमुखी से भी प्राप्त होते हैं. विभिन्न तेल वाले बीजों की खेती मुख्य रूप से खाने के लिए तेल प्राप्त करने या कृत्रिम मक्खन या अन्य खाने की चीजें उत्पादित करने के लिए ही की जाती हैं.
सभी बीजों से तेल निकालने का मूल तरीका लगभग एक-सा ही है. इस तरीके में बीजों को दबाकर या विलायक निष्कर्षण (Solvent Extraction) द्वारा तेल निकाला जाता है. तेल निकालने के बाद जो पदार्थ बच जाता है उसमें रेशे, कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन होते हैं. इसमें 50 प्रतिशत तक प्रोटीन हो सकते हैं. इस पदार्थ को या तो फेंक दिया जाता है, या खाद के रूप में काम में लाया जाता है, या पशुओं को खिलाया जाता है.
संसार में नारियल के तेल का अधिकांश उत्पादन पश्चिमी अफ्रीका में होता है. इसको नारियल की सुखाई गई गिरी में से निकालते हैं, जिसमें लगभग 70 प्रतिशत तेल होता है. ताड़ का तेल पश्चिमी अफ्रीका और दक्षिणी-पूर्वी एशिया में ही अधिक मात्रा में होता है. ये तेल गाढ़े वसा के रूप में प्राप्त होते हैं. इन्हें स्टिएरीन (Stearine) कहते हैं. ये चाकलेट बनाने, भोज्य पदार्थ तलने और दवाइयों के निर्माण में काम आते हैं. कच्चा तेल साबुन और शैंपू में काम आता है.
व्यापारिक स्तर पर कपास की खेती अमेरिका, भारत और चीन में की जाती है. इस पौधे का फूल समय पर बीच से फट जाता है, उसमें सफेद रुई जैसे रेशे और बीज होते हैं. कपास के बीज को बिनौला कहते हैं. इसकी लंबाई लगभग 6 मिमी. होती है. बिनौले में 37 प्रतिशत तेल होता है. बिनौले का तेल कृत्रिम मक्खन, जलाने का तेल और सलाद तेल बनाने के काम आता है. यह साबुन, रेजिन, ग्रीस और मशीनों मे डालने का तेल बनाने के काम भी आता है. अलसी का तेल अलसी के पौधों से प्राप्त बीजों से निकाला जाता है. यह पौधा अधिकतर अमेरिका, रूस, भारत और कनाडा में पैदा होता है. अलसी के पौधे का रेशा लिनेन में बुना जाता है. अलसी का तेल रंगों, वार्निशों, छपाई की स्याहियों, लिनोलियम, तैलीय कपड़ा और वाटरप्रूफ कागज बनाने में भी प्रयुक्त होता है. इसकी भूसी पशुओं के लिए बहुत ही उपयोगी भोजन है.
मूंगफली अराकिस लिपोगिया (Arachis Lypogea) पौधे का बीज है. इनमें से भी तेल निकाला जाता है. इसकी खेती मुख्य रूप से चीन, पश्चिमी अफ्रीका, अमेरिका और दक्षिणी-पूर्वी एशिया में होती है. इसे मुख्य रूप से भोज्य पदार्थों को तलने के लिए प्रयोग में लाया जाता है.
सोयाबीन सभी तेल देने वाले बीजों में सबसे प्रमुख है. यह बहुतायत में भारत, अमेरिका, चीन और पूर्वी देशों के क्षेत्रों में पैदा होता है. सोयाबीन का तेल मुख्य रूप से खाना पकाने के काम आता है. यह रंगों प्लास्टिक्स और चिपकाने वाले पदार्थों (Adhesives) के निर्माण में भी प्रयुक्त होता है. इसमें भारी मात्रा में प्रोटीन होते हैं. इन बीजों को पीसकर आटा भी बनाया जाता है, जिससे अलग-ललग तरह का खाना पकाया जाता है.
सूरजमुखी का तेल दिन पर दिन यूरोप के तेल बाजारों में लोकप्रिय होता जा रहा है. यही स्थिति तोरी के बीज के तेल की कनाडा और उत्तरी यूरोप में है. सूरजमुखी का उत्पादन अब मेक्सिको, रूस, यूगोस्लाविया, टर्की और दक्षिणी अफ्रीका में भी काफी मात्रा में हो रहा है.