आमतौर पर लोग नॉर्वे (Norway) को लैंड ऑफ द मिडनाइट सन (Land of the Midnight Sun) के नाम से पुकारते हैं. इसका कारण यह है कि इस देश में मई के मध्य से जुलाई के अंत तक सूरज पूरी तरह नहीं छिपता है. इस अवधि में रात में भी पूरी तरह अंधकार नहीं होता, बल्कि काफी उजाला रहता है.
नॉर्वे के उत्तरी हिस्सों में गर्मी के दो महीने तो सूर्य छिपता ही नहीं है, केवल हल्का सा अंधेरा छा जाता है, जैसा कि हमारे यहां शाम को सूर्य छिपने से पहले होता है. जाड़े के दो महीने यहां सूर्य के दर्शन ही नहीं होते, अर्थात पूरी रात ही रहती है. प्रति वर्ष हजारों लोग इस मनमोहक दृश्य को देखने के लिए यहां आते हैं.
अर्धरात्रि में सूर्य उन ध्रुवीय प्रदेशों में दिखाई देता है, जहां रात्रि में भी सूर्य क्षितिज के ऊपर ही रहता है, छिपता नहीं है. पृथ्वी का अक्ष अपनी भ्रमण करने की कक्षा के तल से 23.5 अंश झुका हुआ है, इसलिए प्रत्येक गोलार्ध गर्मी में सूर्य की ओर झुका रहता है, जबकि सर्दियों में यह झुकाव विपरीत दिशा में यानी सूर्य से परे हो जाता है. इस कारण उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवीय प्रदेशों में साल में कुछ समय के लिए सूर्य पूरी तरह नहीं छिपता है, बल्कि अर्धरात्रि में भी दिखता रहता है.
जब दक्षिणी ध्रुव प्रदेश में सर्दी का मौसम होता है, तो दिन और रात का पता ही नहीं चलता. वहां केवल अंधेरा ही अंधेरा रहता है. इन दिनों (अप्रैल से जुलाई) उत्तर ध्रुवीय प्रदेशों में गर्मी होती है. और वहां सूर्य 24 घंटे दिखाई देता रहता है. सूर्य उदय होता है और बहुत ही धीमी गति से चलता दिखाई देता है. शाम को यह छिपना शुरू करता है, लेकिन क्षितिज के पास पहुंचकर फिर उगना शुरू हो जाता है. यह क्रम लगभग 2 महीने तक चलता है, लेकिन वास्तव में केवल 21 जून को ही अर्धरात्रि में सूर्य चमकता है. छः महीने बाद उत्तरी ध्रुवीय प्रदेशों में पूर्णरात्रि हो जाती है, लेकिन दक्षिणी ध्रुवीय प्रदेशों में दिन होने लगता है. दक्षिणी ध्रुवीय प्रदेशों में अर्धरात्रि का सूर्य नवंबर के मध्य से जनवरी के अंत तक दिखाई देता है.
उत्तरी ध्रुव के अंतिम अक्षांशों को कभी-कभी अर्धरात्रि में चमकने वाले सूर्य की धरती के नाम से पुकारते हैं. अर्धरात्रि में सूर्य बायलाट (उत्तरी कनाडा का एक द्वीप) में भी देखा जा सकता है. सारे संसार के पर्यटक यह दृश्य देखने के लिए यहां आते हैं.