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गुजरात चुनाव: BJP के गढ़ में बंपर वोटिंग, जहां कांग्रेस जीती थी वहां कम पड़े वोट; AAP भी सोच में डूबी



 नई दिल्ली 

Gujarat Chunav: गुजरात में गुरुवार को पहले चरण का चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न हो गया। निर्वाचन आयोग की तरफ से जारी आंकड़ों को देखें तो नर्मदा जिले में सबसे ज्यादा 73 फीसदी जबकि पोरबंदर में 53 फीसदी लोगों ने मतदान किया। सौराष्ट्र-कच्छ में सिर्फ 58 फीसदी मतदान हुआ। सौराष्ट्र वही इलाका है, जिसने 2017 के विधानसभा के चुनाव में बीजेपी को खूब छकाया था। इस चुनाव में कम वोटिंग बीजेपी के लिए राहत की बात साबित हो सकती है। वहीं, दक्षिण गुजरात में 66 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। यहां के 12 जिलों में सिर्फ मोरबी में ही 67.60 फीसदी वोट पड़े हैं। पाटीदार बाहुल्य इलाकों में कम मतदान ने दलों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। आपको बता दें कि यहां आम आदमी पार्टी ने खूब मेहनत की थी। कई पाटिदार स्थानीय नेताओं को अपने खेमे में शामिल किया था

जहां कांग्रेस जीती थी वहां कम वोट पड़े
इस बार मतदाताओं में उत्साह कम नजर आया। यही वजह है कि 2017 विधानसभा चुनाव में जहां 68 फीसदी से ज्यादा मत पड़े थे वहीं, इस बार 60.20 फीसदी वोटिंग ही दर्ज की गई है। जानकारों के मुताबिक, इसमें बढ़ोतरी की संभावना है लेकिन 68 फीसदी को पार करेगा, इसके आसार कम दिख रहे हैं। यह चरण कांग्रेस के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है क्योंकि पिछले चुनाव में कांग्रेस ने सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्र से ही सबसे ज्यादा सीटें जीती थीं। इस दौरान जिन सीटों पर 70 प्रतिशत से ज्यादा वोटिंग हुई थी, उनमें से ज्यादातर सीटें कांग्रेस के खाते में गई थी।

पांच जिलों में 60 फीसदी से ज्यादा वोटिंग
सौराष्ट्र क्षेत्र में भावनगर में शाम पांच बजे तक सबसे कम 51.34 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। नर्मदा के अलावा, चार अन्य जिलों में 60 प्रतिशत से अधिक मतदान दर्ज किया गया जिनमें नवसारी (65.91 प्रतिशत), डांग (64.84 प्रतिशत), वलसाड (62.46 प्रतिशत) और गिर सोमनाथ (60.46 प्रतिशत) शामिल हैं।

कुछ शिकायतें दर्ज
निर्वाचन आयोग ने कहा कि प्रतिद्वंद्वी समूहों के बीच झड़प की कुछ घटनाओं को छोड़कर मतदान काफी हद तक शांतिपूर्ण रहा। नवसारी जिले के वासंदा में कांग्रेस और भाजपा के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई। इसमें वासंदा के भाजपा प्रत्याशी पीयूष पटेल जख्मी हो गए। जामनगर जिले के जामजोधपुर में महिला मतदाताओं ने मतदान केंद्र पर उनके लिए कोई अलग बूथ नहीं होने पर विरोध दर्ज कराया। जूनागढ़ में, पुलिस ने कांग्रेस के एक पदाधिकारी को उस समय रोकने की कोशिश की, जब वह अपने कंधे पर रसोई गैस सिलेंडर लेकर मतदान केंद्र की ओर जा रहे थे।

100 साल की कमुबेन ने डाला वोट
वलसाड जिले में के उमरगाम में 100 साल की कमुबेन लालाभाई पटेल ने पोलिंग बूथ पर जाकर मतदान किया। वहीं, चोर्यासी विधानसभा के सचिन की रहने वाली 104 वर्षीय गंगाबेन अपने विधानसभा में सबसे उम्रदराज मतदाताओं में शुमार हैं, जिन्होंने आज अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। इस बार 80 से 100 वर्ष के वरिष्ठ मतदाताओं को मतदान केंद्र तक पहुंचाने के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी। इच्छुक बुजुर्ग मतदाताओं को मतदान केंद्र पर लाया गया और मतदान के बाद घर वापस भी भेजा गया।

33 बैलेट यूनिट बदली गई
राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) ने कहा कि मतदान के शुरुआती तीन घंटों में विभिन्न केंद्रों पर गड़बड़ी के कारण 33 (0.1%) बैलट यूनिट, 29 (0.1%) कंट्रोल यूनिट और 69 वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) को बदला गया। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में रिजर्व मशीन सेट उपलब्ध हैं। जहां कहीं भी कोई छोटी या बड़ी समस्या होती है तो उसे जल्द से जल्द दूर करने की व्यवस्था की गयी है।
 


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