एसबीआई सिराली शाखा के कर्मचारियों, अधिकारियों के व्यवहार से आमजन परेशान हैं। लोगों का आरोप है मनमर्जी करते और झल्लाकर कर देते है जवाब,
सिराली, संतोषजनक जवाव ना देखर कम पढ़े लिखे खाता धरको पर झल्लाना यह बैंककर्मियों के स्वभाव में शामिल हो गया है। सबसे ज्यादा शिकायतें जिले में एसबीआई शाखा सिराली को लेकर हैं देखने मे आ रही हैं। एक मामले रवि निमोरे सिराली निवासी ने बताया कि जब वह बैक में खाता खुलवाने गए तो कम पढ़े लिखे होने के चलते फार्म में कुछ जगह समझ नही आने के कारण कुछ भर नही पाए ,जिसके के चलते वहा मौजूद बैक कर्मियों से पूछने लगें सर यहा क्या लिखूं जिसके बाद बैक कर्मी के द्वारा झल्ला के जवाब दिया गया जिसके बाद रवि निमोरे जो कि खाता खुलवाने गए उन्होंने समझाने का प्रयास किया गया लेकिन रवि निमोरे अनुसार बैक कर्मी के द्वारा उनके आवेदन से फोटो खीच के निकाल के देते हुए आवेदन फाड़ने का प्रयास करते हुए भगा दिया गया,वही एक दीपगाव कला निवासी द्वारा बताया गया के पहले कई बार अपनी पास बुक बनवाने हेतु बैक गया हूं,लेकिन मुझे बाद में आना अभी मशीन सही नही है बोलकर मना कर दिया जाता था।वही ऐसे कई इस बैक के खाता धारक मिल जाएंगे जो बैक कर्मचारियों, अधिकारियों के बुरे बर्ताव से परेशान हैं।वही कुछ खाता धारको का यह भी कहना है कि हमने कई कई बार खाते में आधार लिंक करने,मोबाईल नम्बर जोड़ने एवं एटीएम कार्ड जारी करने बाबत आवेदन कर चुके हैं लेकिन हमारी समस्या का समाधान नही किया जाता है। वही एक खाता धारक ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया है के वह इनके इस तरह के बुरे बर्ताव की कर्मचारीयो की लिखित शिकायत इनके वरिष्ठ अधिकारों को भी करेगा
साथ ही सूचना अधिकार के तहत सीसीटीवी कैमरे की फुटेज व बैंक नियम आदि दस्तावेज की मांग भी करेंगे। साथ उन्होंने खबर के मध्यम से बैक के वरिष्ठ अधिकारियों से अनुरोध किया है कि बैंक अपने कर्मचारियों को ग्राहकों के साथ सही व्यवहार करने का प्रशिक्षण दें।
यह होनी चाहिए व्यवस्था
बैंकों में कैश लेनदेन, ट्रांजेक्शन व पासबुक एंट्री जैसे काम के लिए मशीनें लगा दी गई हैं। आईटी व इन आधुनिक साधन, संसाधनों के नाम पर बैंककर्मी काम से कन्नी काट रहे हैं। ये सुविधाएं युवा, शिक्षक वर्ग और नियमित ग्राहकों के लिए हैं। कम शिक्षित, बुजुर्ग व कभी-कभी वाले ग्राहक इनका उपयोग नहीं कर पाते। साथ ही जो ग्राहक नए हैं उन्हें नियमों के बारे में बताया नहीं जा रहा। पहली बार आने वाले ग्राहक को इन मशीनों से लेनदेन, ट्रांजेक्शन आदि का प्रशिक्षण देना चाहिए लेकिन कर्मचारी ध्यान नहीं देते। बैंकों में एक काउंटर पूछताछ केंद्र के रूप में होना चाहिए।
पार्किग व्यवस्था भी दुरुस्त नही है
बैक के सामने वाहन भी जतर कतर खड़े रहते हैं उनको पार्किंग की व्यवस्था सही होना चाहिए ताकि मार्ग से गुजरने वाले लोग दुर्घटना से बच सके
वही इन सब के विषय मे हमारे द्वारा शाखा प्रबंधक से सम्पर्क कर उनकी राय जानने का प्रयास किया गया तो उनके द्वारा बाद में सम्पर्क करने की बात कहते हुए कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया गया।