भोपाल। स्कूल शिक्षा विभाग में स्थानांतरण और पदोन्नति के लिए बनाए गए नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। नियमानुसार स्थानांतरण की प्रक्रिया आनलाइन होनी है, लेकिन आफलाइन आदेश जारी किए जा रहे हैं। आठ अगस्त को आफलाइन आदेश जारी कर सात दिन में कार्यभार ग्रहण करने के लिए कहा गया। वहीं विवादों में घिर चुकी प्रभार के मामले में वरिष्ठता की प्रक्रिया में कनिष्ठ व वरिष्ठों का भी ध्यान नहीं रखा गया है।
इस मामले में शिक्षक संगठन पूरी प्रक्रिया को फिर से करने की मांग कर रहे हैं। दरअसल, स्कूल शिक्षा विभाग में वरिष्ठ पदों पर प्रभार देने की प्रक्रिया चल रही है। नियमानुसार वरिष्ठ पदों का प्रभार देने के बाद नई जगह पदस्थापना होना है। इसके आदेश आनलाइन पोर्टल पर ही जारी किए जाएंगे।
दूसरी तरफ विभाग से 13 अगस्त को होने वाली काउंसलिंग की प्रक्रिया से पहले आफलाइन आदेश जारी कर पदस्थापना कर दी गई है। विभाग ने प्राचार्य कैडर में करीब 175 लोक सेवकों को वरिष्ठता देकर नई नवीन पदस्थापना की है, जबकि स्थानांतरण नीति जारी करते समय तय यह हुआ था कि सभी आदेश एक साथ और आनलाइन ही जारी किए जाएंगे, ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
बाबूगीरी कर रहे प्राचार्यों को वरिष्ठता दी
विभाग ने 77 प्राचार्य कैडर की वरिष्ठता सूची जारी की है। इनमें जो नाम शामिल हैं वे सभी राज्य शिक्षा केंद्र, लोक शिक्षण संचालनालय, डाइट, डीईओ कार्यालय आदि में पदस्थ हैं। यही नहीं ये यहां कई सालों से हैं। इन्हें हाईस्कूल प्राचार्य से हायर सेकंडरी की वरिष्ठता का प्रभार देकर उसी कार्यालय में पदस्थ किया गया है। जबकि इन प्राचार्यों को प्रदेश भर में खाली पड़े जिलों के स्कूलों में पदस्थापना दी जानी चाहिए थी। शिक्षक संगठनों का कहना है कि वरिष्ठता का प्रभार खाली पदों पर पदस्थापना दी जाती है। जब मुख्यालय में यह लोकसेवक बाबूगीरी कर रहे हैं और पद खाली नहीं हैं तो इन्हें वरिष्ठता किस आधार पर दी गई है।